ताकि फूल की तरह नजर आए घर
बारिश का मजा खराब न हो जाए इसलिए जरूरी है घर को भारी बरसात होने से पहले ही सुरक्षित बनाने के प्रयास जरूरी है, जिससे घर फूलों की तरह खिला-खिला नजर आए। ऎसे में घर के इंटीरियर को सुरक्षित रखने के लिए कुछ बदलाव जरूरी है ताकि फूल की तरह खिलता रहे घर।
आते है वाटर प्रूफिंग पेन्ट- वैसे लोग मानसून आने के पहले ही सचेत हो जाते हैं। सिविल इंजीनियर आजाद जैन ने बताया लिकेज रिपेयर कराना, दरारें भरवाना, दरवाजे-खिड़कियों के जॉइंट में सीमेंट भरने घर को पानी से सुरक्षित रखा जा सकता है।
इंटीरियर में भी चेंज- इंटीरियर को सुरक्षित रखने के लिए इस मौसम में हैवी परदों की जगह सिंपल और सिंथेटिक परदे लगाना चाहिए। सोफे कवर करके रखें ताकि बारिश की नमी से खराब न हो। आर्किटेक्ट आशा जैन के मुताबिक दीवारों पर ऎसे कलर का चुनाव करें, जो मौसम से मिलते-जुलते हों, घर अच्छा लुक दे।
छज्जे न होने से परेशानी - बारिश के मौसम में खिड़की-दरवाजों से पानी आने की समस्या ज्यादा रहती है। इंटीरियर डिजाइनर विनय बाबर ने बताया इसका कारण खिड़की-दरवाजों पर छज्जे न बनना है। छज्ो बनाकर घर की सुरक्षा करें।
जागरूक हुए लोग - वाटर प्रूफिंग कल्सटेंट संजीवन तोमर बताते हैं 20 वर्ष पहले वाटर प्रूफिंग को फालतू खर्च माना जाता था। आज घर के निर्माण के समय ही इसका ध्यान रखते हैं। इससे दीवारों पर आनी वाली फंगस, काले धब्बे, स्मेल और छतों से घर सुरक्षित हो जाता है।
बारिश का मजा खराब न हो जाए इसलिए जरूरी है घर को भारी बरसात होने से पहले ही सुरक्षित बनाने के प्रयास जरूरी है, जिससे घर फूलों की तरह खिला-खिला नजर आए। ऎसे में घर के इंटीरियर को सुरक्षित रखने के लिए कुछ बदलाव जरूरी है ताकि फूल की तरह खिलता रहे घर।
आते है वाटर प्रूफिंग पेन्ट- वैसे लोग मानसून आने के पहले ही सचेत हो जाते हैं। सिविल इंजीनियर आजाद जैन ने बताया लिकेज रिपेयर कराना, दरारें भरवाना, दरवाजे-खिड़कियों के जॉइंट में सीमेंट भरने घर को पानी से सुरक्षित रखा जा सकता है।
इंटीरियर में भी चेंज- इंटीरियर को सुरक्षित रखने के लिए इस मौसम में हैवी परदों की जगह सिंपल और सिंथेटिक परदे लगाना चाहिए। सोफे कवर करके रखें ताकि बारिश की नमी से खराब न हो। आर्किटेक्ट आशा जैन के मुताबिक दीवारों पर ऎसे कलर का चुनाव करें, जो मौसम से मिलते-जुलते हों, घर अच्छा लुक दे।
छज्जे न होने से परेशानी - बारिश के मौसम में खिड़की-दरवाजों से पानी आने की समस्या ज्यादा रहती है। इंटीरियर डिजाइनर विनय बाबर ने बताया इसका कारण खिड़की-दरवाजों पर छज्जे न बनना है। छज्ो बनाकर घर की सुरक्षा करें।
जागरूक हुए लोग - वाटर प्रूफिंग कल्सटेंट संजीवन तोमर बताते हैं 20 वर्ष पहले वाटर प्रूफिंग को फालतू खर्च माना जाता था। आज घर के निर्माण के समय ही इसका ध्यान रखते हैं। इससे दीवारों पर आनी वाली फंगस, काले धब्बे, स्मेल और छतों से घर सुरक्षित हो जाता है।
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