शनिवार, 5 जून 2010

विदेशी भाषा का ज्ञान

विदेशी भाषा नई आशा
तेजी से बदलते दौर में आगे बढना चाहते हैं, तो विदेशी भाषा का ज्ञान इसके लिए पहला कदम साबित होगा। दरअसल, एशियाई देशों में चीन और जापान के बाद भारत बिजनेस और अन्य दृष्टि से यूरोप और अमेरिकी देशों का सबसे पसंदीदा पडाव बन रहा है। इसके अलावा, दुनिया के तमाम छोटे-बडे देशों के साथ-साथ परस्पर राजनीतिक और आर्थिक संबंध लगातार बढ

रहे हैं। यही कारण है कि तमाम मल्टीनेशनल कंपनीज और कॉमर्शियल फ‌र्म्स में फॉरेन लैंग्वेज से जुडे कैंडिडेट्स को जॉब के बेहतरीन अवसर मिल रहे हैं। इसके अलावा, वर्तमान में कॉमनवेल्थ गेम्स को देखते हुए दिल्ली सरकार को तकरीबन 14 हजार फॉरेन लैंग्वेज गाइड की आवश्यकता है। इस प्रकार कहा जा सकता है कि यदि आप फॉरेन लैंग्वेज के जानकार हैं और विदेशी संस्कृति को करीब से जानने के इच्छुक हैं, तो फॉरेन लैंग्वेज का कोर्स करके आप बेहतर करियर बना सकते हैं। जानते हैं कुछ प्रमुख और पॉपुलर विदेशी भाषाओं, उनसे जुडे अवसरों और कोर्सेज के बारे में..

जस्ट जैपनीज

भाषा की भी अपनी विकास यात्रा है। अच्छे और बुरे दिन वाली बात किसी भाषा के साथ भी जुडी होती है। जैसे रूसी भाषा को पुरानी भाषा कहा जाता है, तो स्पेनिश और जैपनीज को वह भाषा, जो तेजी से लोकप्रिय हो रही है। जैपनीज इंटरप्रीटर्स की आज काफी मांग है। वे जैपनीज डेलीगेशन के साथ रहते हैं और लगातार ओवरसीज ट्रिप पर रहना इन प्रोफेशनल्स की जॉब का हिस्सा होता है। साथ ही, टेक्निकल ट्रांसलेशन वर्क के साथ टूरिज्म, एयरलाइंस और हॉस्पिटैलिटी सेक्टर में भी इस भाषा के प्रोफेशनल्स अच्छी जॉब तलाश सकते हैं। डबिंग और एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री, रिसर्च ऑर्गनाइजेशंस में इस भाषा को जानने वाले कैंडिडेट की मांग है। इसके अलावा, एकेडमिक क्षेत्रों में जैपनीज टीचर की कमी है, जिससे खुलती है आपके लिए एकेडमिक क्षेत्र में अच्छी संभावनाएं।

ग्रूवी जर्मन

दुनिया भर में यह भाषा काफी पॉपुलर है। जर्मन भाषा के ट्रांसलेटर्स और इंटरप्रीटर्स की खूब मांग है। बीपीओ, जो कि जर्मन-भाषी क्षेत्रों के लिए काम करते हैं, वहां भी काफी अच्छी संभावनाएं हैं। टूरिज्म, एयरलाइंस और हॉस्पिटैलिटी सेक्टर में जहां कि जर्मन भाषा के इंटरेक्टर्स की जरूरत है, वहां अच्छे अवसर तलाशे जा सकते हैं।

चार्मिंग चाइनीज

चीन भारत के व्यापारिक संबंध लगातार बढ रहे हैं। हाल ही में प्रतिभा पाटिल चीन इसलिए गई हैं, जो बिजनेस क्षेत्र से जुडे हैं, उनके लिए और जो अभी बिजनेस स्टडीज कर रहे हैं, उनके लिए भी चीनी भाषा से जुडना उचित विकल्प कहा जा सकता है। इसी तरह, चीनी भाषा आपको एकेडमिक से लेकर लीगल, मेडिकल ट्रांसक्रिप्शन वर्क में भी बेहतरीन अवसर दे सकती है। एचपी, ऑरेकल जैसी बडी कंपनियां चाइनिंग लैंग्वेज एक्सपर्ट को अच्छी जॉब उपलब्ध करा रही हैं। फर्राटेदार और बिल्कुल सही उच्चारण के साथ-साथ चाइनीज लोकाचार को भी आप चीनी भाषा में ढालना जान गए, तो समझिए आपके लिए हैं अवसर ही अवसर।

सिम्पली स्पेनिश

तेजी से उभरते ग्लोबल लैंग्वेज की बात करें, तो स्पेनिश भी उनमें एक है। डॉक्टर मीनाक्षी संद्रियाल, असिस्टेंट प्रोफेसर सेंटर ऑफ स्पेनिश, पोर्तुगीज, इटालियन ऐंड लैटिन अमेरिकन स्टडीज, जेएनयू

के अनुसार, न केवल टूरिज्म, एयरलाइंस, हॉस्पिटैलिटी, बल्कि पब्लिशिंग इंडस्ट्री में भी स्पेनिश जानने वाले प्रोफेशनल के लिए काफी स्कोप है। वे आगे कहती हैं, इस भाषा में बीए, एमए कर लेने के बाद ही रास्ते खुलने लगते हैं। यदि आप एकेडमी फील्ड में जाना चाहते हैं, तो आपको एमफिल और पीएचडी कर लेनी चाहिए।

नोइंग कोरियन

कोरियन लैंग्वेज को उन पॉपुलर विदेशी भाषाओं में से गिना जाता है, जिनकी डिमांड बढ रही है। बढिया शिक्षण संस्थान से केवल ग्रेजुएट हैं, तो आपको जॉब के लिए ज्यादा मशक्कत शायद न करनी पडे। न केवल ट्रांसलेटर्स या इंटरप्रीटर्स, बल्कि सैमसंग, हुंडई, एलजी जैसी कंपनियों में कोरियन लैंग्वेज एक्सप‌र्ट्स को हायर किया जाता है।

पेइंग फ्रेंच

फ्रेंच स्कूल स्तर से ही पढाया जाता है। दूसरी विदेशी भाषाओं से फ्रेंच को सीखना ज्यादा आसान है-यह कहना है सेंटर फॉर फ्रेंच ऐंड फेंकोफोन स्टडीज, जेएनयू की प्रोफेसर किरण चौधरी

का। वे आगे कहती हैं, फ्रेंच को अच्छी तरह जान लेने के बाद आप फ्रेंकोफोन कंट्रीज यानी जहां फ्रेंच बोली जाती हैं, वहां बेहतरीन जॉब तलाश सकते हैं। ट्रांसलेटर्स, इंटरप्रीटर्स के अलावा, एयरलाइंस, टूरिज्म में इस भाषा के जानने वालों की खूब डिमांड है। टीचिंग के साथ-साथ फ्रीलांसिंग भी एक अच्छा ऑप्शन है। कुल मिलाकर, यदि आप फ्रेंच भाषा में करियर की राह तलाशने की सोच रहे हैं, तो यकीनन यह भाषा आपको बढिया रिटर्न दे सकती है।

कोर्स की बात

विदेशी भाषा में मुख्यतया तीन प्रकार के कोर्स ज्यादा लोकप्रिय हैं। मसलन, सर्टिफिकेट कोर्स, डिप्लोमा कोर्स और डिग्री कोर्सेज (तीन वर्षीय ग्रेजुएशन)। हालांकि कुछ शिक्षा संस्थान से आप एडवांस लेवल के कोर्स यानी पोस्ट-ग्रेजुएट(दो वर्ष) और पीएचडी दोनों कर सकते हैं। यदि आप किसी और फील्ड से जुडे हुए हैं और विदेशी भाषा की ट्रेनिंग लेना चाहते हैं, तो कई संस्थान ऐसे भी हैं, जहां ऐसे कैंडिडेट्स को कॉरपोरेट ट्रेनिंग भी दिए जाते हैं। सर्टिफिकेट कोर्स की अवधि एक वर्ष व डिप्लोमा कोर्स की अवधि दो वर्ष होती है। गौरतलब है कि इन कोर्सेज के लिए आप देश के प्रतिष्ठित शिक्षा संस्थानों के अलावा, संबंधित भाषा के देश से जुडी ऐम्बेसीज से भी संपर्क कर सकते हैं। जहां तक इन कोर्सेज में प्रवेश-प्रक्रिया का प्रश्न है, तो अलग-अलग शिक्षण संस्थान भिन्न-भिन्न मापदंड निर्धारित करते हैं। कहीं प्रवेश परीक्षा, तो कहीं साक्षात्कार के आधार पर प्रवेश दिया जाता है।

योग्यता

सभी तरह के कोर्सेज में दाखिला लेने के लिए किसी खास विषय या स्ट्रीम से जुडे होने की बाध्यता नहीं है। यानी सभी स्ट्रीम से जुडे कैंडिडेट्स विदेशी भाषा के कोर्स में दाखिला ले सकते हैं। बहरहाल, डिग्री कोर्स में दाखिला लेने के लिए बारहवीं पास होना जरूरी है। हालांकि कुछ संस्थान इन कोर्सेज में दाखिला लेने के लिए बारहवीं में साठ प्रतिशत अंक को जरूरी मानते हैं।

प्रमुख संस्थान

जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी, नई दिल्ली www.jnu.ac.in

दिल्ली यूनिवर्सिटी, दिल्ली www.du.ac.in

जामिया मिलिया इस्लामिया, नई दिल्ली www.jmi.ac.in

4भारतीय विद्या भवन, जवाहरलाल नेहरु एकेडमी ऑफ लैंग्वेजेज, नई दिल्ली www.bvbdelhi.orgu

ब्रेक द बैरियर्स

विदेशी भाषा में संभावनाओं के साथ-साथ और भी तमाम पहलुओं पर हमने बात की जवाहरलाल नेहरु यूनिवर्सिटी के सेंटर फॉर रसियन स्टडीज के प्रोफेसर बरयाम सिंह से। पेश हैं इसके प्रमुख अंश..

विदेशी भाषा में करियर का कैनवास कितना बडा है?

बहुत विशाल। समझ लीजिए दुनिया सिमटकर छोटी हो गई है, जहां हम सबको बनना है व‌र्ल्ड सिटीजन। व‌र्ल्ड सिटीजंस को अंग्रेजी के अलावा, यदि दूसरी भाषाएं आती हों, तो जाहिर है वह ज्यादा काबिल होगा। दरअसल, दूसरे देशों के साथ भारत के व्यापारिक और राजनीतिक संबंध लगातार बढ रहे हैं। चीन, स्पेन, फ्रंास, रूस यहां तक कि वियतनाम, लाओस, कंबोडिया आदि छोटे-छोटे देशों से हमारे हर स्तर पर संबंध हैं। एक-दूसरे को जानने-समझने के लिए भाषा ही पहली जरूरत है, जिसकी भरपाई काफी कम है। कैंडिडेट्स को इन बैरियर्स को तोडना चाहिए। इससे ग्लोबल स्तर पर विकास में भी काफी तेजी आएगी।

कौन सी भाषा इन दिनों सबसे ज्यादा डिमांड में है?

यह संबंधित कंपनी की डिमांड पर निर्भर है। सरकारी स्तर पर फ्रेंच, जर्मनी, स्पेनिश जैपनीज पॉपुलर हैं। चाईनीज, कोरियन और जैपनीज। ये तीन भाषाएं आमतौर पर प्रचलित हैं। हालांकि रूसी, फ्रेंच, पोर्तुगीज आदि भाषाओं में भी प्रोफेशनल्स की मांग है, जो भविष्य में लगातार बढती रहेंगी।

इस फील्ड में फिट होने के लिए कैंडिडेट्स में किस तरह के गुण होने चाहिए?

इस करियर में आपको लगातार दूसरी भाषा ही नहीं संस्कृति के भी संपर्क में रहना होगा। इसलिए यह जरूरी है कि आप न केवल उस भाषा को सीखें, बल्कि उस भाषा से जुडी संस्कृति को भी पूरी तरह अपनाने की क्षमता भी रखें। जैसे, यदि आप चाइनीज सीख रहे हैं, तो चीन के लोग कैसे उठते-बैठते हैं, उनके अभिवादन का तरीका कैसा है आदि बातों पर भी गौर करना होगा। बस, यदि आपकी कम्युनिकेशन स्किल अच्छी है, तो यह आपके करियर के विकास के लिए बेहतर रहेगा।

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