गुरुवार, 15 जुलाई 2010

प्रेम और प्रार्थना

बाइबिल दिखाती है प्रेम और प्रार्थना का मार्ग
परमेश्वर उनके लिए मित्र की तरह है जो उसके बताए मार्ग पर चलते हैं। जीवनपरमेश्वरकादियाबेशकीमतीवरदानहै।इसेजानें, समझें, खोजें, संवारेंऔरकद्रकरें। क्रोध, हिंसाऔरहत्यासेसदैवबचें। किसीकेप्रतिद्वेषयाघ्रणाकेभावलाकरअपनेतन, मनमेंजहरनघोले। स्त्रियोंकाआदरऔरसम्मानकरें।स्त्रियोंकोनिम्नदृष्टिसेनदेखें।पवित्रतासेदेखेंऔरपवित्रबनें। दोषियोंकोक्षमाकरें।क्षमासेहीकिसीकास्थाईसुधारसंभवहै।बात-बातमेंसंकल्पनलें।अतिआवश्यकहोतोहीसंकल्पलेंऔरहरकीमतपरअपनेवचनकोनिभाएँ। अपनीमेहनतकीकमाईकाकुछहिस्साजरूरतमंदोंकोअवश्यदें। दूसरोंकीगलतियाँ, कमियांऔरदोषनदेखेंक्योंकिकुछअलगतरहकीकमियांऔरदोषतुममेंभीहै।उन्हेंदूरकरनेमेंसमयलगाओं। धनसंपत्तिकेसंग्रहमेंहीजीवननखपाओं।जीवनमेंऔरभीकईमहत्वपूर्णकार्यहैकरनेकेलिए।विवाहकरनावासनामेंजलतेरहनेसेतोअच्छाहीहै। किसीकोछोटा, नीच, घ्रणित, पापी, आदिनसमझो।इन्हेंपरिस्थितिऔरअज्ञानतानेइसअवस्थामेंलापटकतेहैं।होसकेतोऊपरउठनेमेंइनकीमददकरों। अपनेप्राणगंवाकरभीकिसीकीरक्षाकरसकोतोअवश्यकरों।

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