एक था गधा जिसका नाम था ग्रुफेर्ड। वह बहुत बूढ़ा हो गया था। एक दिन वह थकाहारा और उदास होकर घास पर पड़ा हुआ था। तभी वहाँ एक कुत्ता आया। कुत्ते का नाम था पैकेन। हलो ग्रुफेर्ड, तुम कैसे हो' कुत्ते ने पूछा। बिल्कुल खराब। देख मैं बूढ़ा हो गया हूँ और ज्यादा काम नहीं कर सकता, इसलिए मेरा मालिक मुझसे नाराज रहने लगा है। कल वह मुझे मेरे चमड़े और कुत्तों के भोजन के लिए बेच देगा। अत: मैं हार छोड़कर जा रहा हूँ।
तुम कहाँ जा रहे हो, मेरे दोस्त। कुत्ते ने पूछा। ब्रेमेन। बड़े कस्बे में। वहाँ मेरा भाई रहता है जो कस्बे के एक संगीतकार के यहाँ रहकर तुरही बजाता है। मैं वहाँ जाकर वीणा बजाऊँगा। पर मेरे दोस्त तुम क्यों दुखी हो।' गधे ने कुत्ते से पूछा।
मैं भी बूढ़ा हो गया हूँ। मेरा मालिक ज्यादातर शिकार पर जाता है पर मैं पीछे रह जाता हूँ इसलिए उसने मुझे खाना देना बंद कर दिया है और कल वह मुझे मार डालेगा।' पैकेन ने दुखी स्वर में कहा। 'मार डालेगा तो ऐसा करो कि तुम भी मेरे साथ ब्रेमेन चलो। मैं वीणा बजाऊँगा और तुम तबला।'
बहुत अच्छा। मुझे तबला बजाना भी अच्छी तरह आता है। मैं तुम्हारे साथ ब्रेमेन चलूँगा। खुश होकर पैकेन ने कहा। गधा और कुत्ता चलते-चलते जंगल में सड़क किनारे उन्हें एक बिल्ली मिली जो लगातार दुख से रो रही थी। दोनों ने बिल्ली से पूछा 'क्या बात है बहन, तुम इतनी दुखी क्यों हो?
मैं बूढ़ी हो गई हूँ और मेरे दाँत भी नहीं हैं। अत: मैं चूहे नहीं पकड़ सकती हूँ। मेरी मालकिन ने मुझे खाना देना बंद कर पानी में फेंक दिया। अब मैं बचकर तो आ गई हूँ पर क्या करूँ? कैसे जिऊँ बची जिंदगी? बार्टपुट्जर नामक बिल्ला ने दुखी आवाज में कहा।
'क्या तुम गा सकती हो।' गधे ने पूछा।
'क्यों नहीं मैं बहुत ऊँची आवाज में गा सकती हूँ।'
'तो मेरे साथ ब्रेमेन चलो। ग्रुफेर्ड गधे ने कहा।
हाँ, ग्रुफेर्ड वीणा बजाएगा और मैं तबला और तुम गाना।' खुश होकर पैकेन कुत्ते ने कहा।
तीनों इकट्ठा होकर चलने लगे। दोपहर में तीनों एक गाँव में पहुँचे जहाँ एक फार्म हाउस की दीवार पर एक मुर्गा कराह रहा था।
'तुम क्यों कराह रहे हो?' गधे ने मुर्गे से पूछा।
मेरा नाम रोटकोफ है। कल रविवार है इसलिए कोई व्यक्ति आकर मुझे खरीदेगा और काटकर मेरा भोजन बनाएगा। इसलिए मैं रो रहा हूँ।'
तुम्हारी आवाज बहुत अच्छी है। अत: तुम मेरे साथ ब्रेमेन चलो। वहाँ पैकेन कुत्ता तबला बजाएगा। मैं वीणा बजाऊँगा। बिल्ली गाएगी और तुम ऊँची आवाज में उसका साथ देना।
हाँ यह अच्छा रहेगा। मैं तुम्हारे साथ ब्रेमेन चलूँगा। मुर्गे ने कहा।
चारों एकत्र होकर आगे बढ़ने लगे। चारों थके हुए थे, पर दुखी नहीं। सबको मालूम था कि दुनिया में साथ देने के लिए तीन दोस्त भी हैं।
शाम हो गई थी। चारों भूखे भी थे। चलत-चलते गधे ने कहा 'हम कहाँ सोएँगे?'
झाड़ के नीचे। कुत्ते ने कहा 'पर बाहर बहुत ठंड है और सोना बहुत मुश्किल होगा।
बिल्ली बोली।
पास ही में मुझे घर का प्रकाश दिख रहा है। मुर्गा बोला।
तो चलो हम वहाँ चलें। शायद मुझे एकाध हड्डी मिल जाए। कुत्ता बोला, और मुझे थोड़ा सा दूध। बिल्ली ने बात पूरी की।
चारों धीरे-धीरे चलकर घर तक पहुँचे। सबसे आगे चलकर गधा खिड़की तक पहुँचा।
'क्या है अंदर।'
'एक बड़ी सी टेबल जिस पर खाने का ढेर सारा सामान। कुछ डाकू चारों ओर बैठे हुए हैं और खा-पी रहे हैं।
'क्या करें, कैसे जाएँ अंदर? बिल्ली ने दुखी होकर पूछा।
हम गीत गाएँगे। बहुत ऊँचा और सुरीला गीत।
गधा खिड़की के पास खड़ा हो गया। उसके ऊपर कुत्ता चढ़ गया। कुत्ते के ऊपर बिल्ली और बिल्ली के ऊपर मुर्गा।
सबने मिलकर गाना शुरू किया।
एक....दो.... तीन
म्याऊँ.....
भौ.....भौ....
कूकड़ू...कूं
एक साथ अलग-अलग आवाजों को सुनकर डाकू घबरा गए और जंगल में भाग गए। चारों ने अंदर जाकर बिखरा हुआ खाना छककर खाया और एक-दूसरे से 'शुभ रात्रि' कहकर सोने के लिए चले गए।
गधा बरामदे में, कुत्ता दरवाजे के पीछे बिल्ली अलाव के पास और मुर्गा बालकनी में सो गए।
आधी रात हो गई। डाकू भूखे जंगल में सो नहीं पा रहे थे। डाकुओं के मुखिया ने अपने शागिर्द से कहा 'घर में प्रकाश दिख रहा है। शायद कोई भी नहीं है। जाओ और देखकर आओ जिससे हम आराम से खाना खाकर सो सकें।
जी मुखिया, शागिर्द बोला।
शागिर्द घर में पहुँचा। घर में घुप्प अँधेरा था।
वह मोमबत्ती जलाने के लिए अलाव के पास पहुँचा तो बिल्ली ने उसके मुँह को बुरी तरह से नोंच डाला। वह बाहर जाने के लिए दरवाजे की तरफ भागा तो पैकेन कुत्ते ने उसके पाँव में काट लिया। वह चीखता-चिल्लाता बरामदे में भागा तो गधे ने अपने पाँव का कमाल दिखाकर उसे और ज्यादा लहूलुहान कर दिया। वह बालकनी की तरफ दौड़ा तो मुर्गे की आवाज ने उसे और ज्यादा डरा दिया।
जैसे-तैसे वह गिरता-पड़ता अपने मुखिया के पास पहुँचा और बोला वहाँ अलाव के पास जादूगरनी रहती है जो मुँह नोंचती है। दरवाजे के पीछे एक आदमी रहता है जिसके हाथ में चाकू है और पाँव काटता है। बरामदे में राक्षस रहता है जो पिटाई करता है और बालकनी में कवि जो गाता भी है और डराता भी है। इसके बाद डाकू उस घर में नहीं गए और चारों दोस्त उसी मकान में आराम से रहने लगे।
तुम कहाँ जा रहे हो, मेरे दोस्त। कुत्ते ने पूछा। ब्रेमेन। बड़े कस्बे में। वहाँ मेरा भाई रहता है जो कस्बे के एक संगीतकार के यहाँ रहकर तुरही बजाता है। मैं वहाँ जाकर वीणा बजाऊँगा। पर मेरे दोस्त तुम क्यों दुखी हो।' गधे ने कुत्ते से पूछा।
मैं भी बूढ़ा हो गया हूँ। मेरा मालिक ज्यादातर शिकार पर जाता है पर मैं पीछे रह जाता हूँ इसलिए उसने मुझे खाना देना बंद कर दिया है और कल वह मुझे मार डालेगा।' पैकेन ने दुखी स्वर में कहा। 'मार डालेगा तो ऐसा करो कि तुम भी मेरे साथ ब्रेमेन चलो। मैं वीणा बजाऊँगा और तुम तबला।'
बहुत अच्छा। मुझे तबला बजाना भी अच्छी तरह आता है। मैं तुम्हारे साथ ब्रेमेन चलूँगा। खुश होकर पैकेन ने कहा। गधा और कुत्ता चलते-चलते जंगल में सड़क किनारे उन्हें एक बिल्ली मिली जो लगातार दुख से रो रही थी। दोनों ने बिल्ली से पूछा 'क्या बात है बहन, तुम इतनी दुखी क्यों हो?
मैं बूढ़ी हो गई हूँ और मेरे दाँत भी नहीं हैं। अत: मैं चूहे नहीं पकड़ सकती हूँ। मेरी मालकिन ने मुझे खाना देना बंद कर पानी में फेंक दिया। अब मैं बचकर तो आ गई हूँ पर क्या करूँ? कैसे जिऊँ बची जिंदगी? बार्टपुट्जर नामक बिल्ला ने दुखी आवाज में कहा।
'क्या तुम गा सकती हो।' गधे ने पूछा।
'क्यों नहीं मैं बहुत ऊँची आवाज में गा सकती हूँ।'
'तो मेरे साथ ब्रेमेन चलो। ग्रुफेर्ड गधे ने कहा।
हाँ, ग्रुफेर्ड वीणा बजाएगा और मैं तबला और तुम गाना।' खुश होकर पैकेन कुत्ते ने कहा।
तीनों इकट्ठा होकर चलने लगे। दोपहर में तीनों एक गाँव में पहुँचे जहाँ एक फार्म हाउस की दीवार पर एक मुर्गा कराह रहा था।
'तुम क्यों कराह रहे हो?' गधे ने मुर्गे से पूछा।
मेरा नाम रोटकोफ है। कल रविवार है इसलिए कोई व्यक्ति आकर मुझे खरीदेगा और काटकर मेरा भोजन बनाएगा। इसलिए मैं रो रहा हूँ।'
तुम्हारी आवाज बहुत अच्छी है। अत: तुम मेरे साथ ब्रेमेन चलो। वहाँ पैकेन कुत्ता तबला बजाएगा। मैं वीणा बजाऊँगा। बिल्ली गाएगी और तुम ऊँची आवाज में उसका साथ देना।
हाँ यह अच्छा रहेगा। मैं तुम्हारे साथ ब्रेमेन चलूँगा। मुर्गे ने कहा।
चारों एकत्र होकर आगे बढ़ने लगे। चारों थके हुए थे, पर दुखी नहीं। सबको मालूम था कि दुनिया में साथ देने के लिए तीन दोस्त भी हैं।
शाम हो गई थी। चारों भूखे भी थे। चलत-चलते गधे ने कहा 'हम कहाँ सोएँगे?'
झाड़ के नीचे। कुत्ते ने कहा 'पर बाहर बहुत ठंड है और सोना बहुत मुश्किल होगा।
बिल्ली बोली।
पास ही में मुझे घर का प्रकाश दिख रहा है। मुर्गा बोला।
तो चलो हम वहाँ चलें। शायद मुझे एकाध हड्डी मिल जाए। कुत्ता बोला, और मुझे थोड़ा सा दूध। बिल्ली ने बात पूरी की।
चारों धीरे-धीरे चलकर घर तक पहुँचे। सबसे आगे चलकर गधा खिड़की तक पहुँचा।
'क्या है अंदर।'
'एक बड़ी सी टेबल जिस पर खाने का ढेर सारा सामान। कुछ डाकू चारों ओर बैठे हुए हैं और खा-पी रहे हैं।
'क्या करें, कैसे जाएँ अंदर? बिल्ली ने दुखी होकर पूछा।
हम गीत गाएँगे। बहुत ऊँचा और सुरीला गीत।
गधा खिड़की के पास खड़ा हो गया। उसके ऊपर कुत्ता चढ़ गया। कुत्ते के ऊपर बिल्ली और बिल्ली के ऊपर मुर्गा।
सबने मिलकर गाना शुरू किया।
एक....दो.... तीन
म्याऊँ.....
भौ.....भौ....
कूकड़ू...कूं
एक साथ अलग-अलग आवाजों को सुनकर डाकू घबरा गए और जंगल में भाग गए। चारों ने अंदर जाकर बिखरा हुआ खाना छककर खाया और एक-दूसरे से 'शुभ रात्रि' कहकर सोने के लिए चले गए।
गधा बरामदे में, कुत्ता दरवाजे के पीछे बिल्ली अलाव के पास और मुर्गा बालकनी में सो गए।
आधी रात हो गई। डाकू भूखे जंगल में सो नहीं पा रहे थे। डाकुओं के मुखिया ने अपने शागिर्द से कहा 'घर में प्रकाश दिख रहा है। शायद कोई भी नहीं है। जाओ और देखकर आओ जिससे हम आराम से खाना खाकर सो सकें।
जी मुखिया, शागिर्द बोला।
शागिर्द घर में पहुँचा। घर में घुप्प अँधेरा था।
वह मोमबत्ती जलाने के लिए अलाव के पास पहुँचा तो बिल्ली ने उसके मुँह को बुरी तरह से नोंच डाला। वह बाहर जाने के लिए दरवाजे की तरफ भागा तो पैकेन कुत्ते ने उसके पाँव में काट लिया। वह चीखता-चिल्लाता बरामदे में भागा तो गधे ने अपने पाँव का कमाल दिखाकर उसे और ज्यादा लहूलुहान कर दिया। वह बालकनी की तरफ दौड़ा तो मुर्गे की आवाज ने उसे और ज्यादा डरा दिया।
जैसे-तैसे वह गिरता-पड़ता अपने मुखिया के पास पहुँचा और बोला वहाँ अलाव के पास जादूगरनी रहती है जो मुँह नोंचती है। दरवाजे के पीछे एक आदमी रहता है जिसके हाथ में चाकू है और पाँव काटता है। बरामदे में राक्षस रहता है जो पिटाई करता है और बालकनी में कवि जो गाता भी है और डराता भी है। इसके बाद डाकू उस घर में नहीं गए और चारों दोस्त उसी मकान में आराम से रहने लगे।