रविवार, 19 सितंबर 2010

यहां की गर्मी से पानी भी उबल जाता है



सहारा मरूस्थल को विश्व की सबसे गर्म जगह माना जाता है। यहां ऐसा लगता है मानो बादल पानी की जगह आग बरसा रहे हों। पर भारत में भी एक जगह ऐसी है जहां की गर्मी पानी को भी उबाल देती है। वह जगह है- मणिकर्ण।
पौराणिक मान्यता- मणिकर्ण पर्वत का नाम हरेन्द्रगिरि भी है। मणिकर्ण का महात्म्य ब्रह्माण्डपुराण में आता है। भगवान शंकर के कान की मणि गिर जाने से इसका नाम मणिकर्ण पड़ा।
अद्भुत तथ्य- मणिकर्ण सरोवर का पानी इतना गर्म है कि अगर शरीर के किसी भाग पर उसकी एक बूंद भी गिर जाए तो उतने भाग पर फफोला पड़कर मांस उधड़ जाता है। मणिकर्ण सरोवर के जल से बटलोही में चावल रखकर पकाया जाता है।
कहते हैं कि इसका गर्म पानी चर्म रोगों में मिटाने में काफी असरदार रहता है।
अन्य दर्शनीय स्थल- मणिकर्ण सरोवर से आधे किलोमीटर दूर पार्वतीगंगा है जिसका प्राकृतिक दृश्य अत्यन्त मनोहर है। यहां आए श्रद्धालु मणिकर्ण तथा पार्वतीगंगा के संगम पर स्नान करते हैं।
कैसे पहुचें- मणिकर्ण पहुंचने के लिए अमृतसर से पठानकोट होती हुई योगीन्द्रनगर तक रेल जाती है। उसके आगे मोटर-लारी भूमन्तर पड़ाव पर छोड़ देती है। यहां से पैदल व्यासगंगा का पुल पार करके 20 किलोमीटर चलने पर जरी पड़ाव आता है। उसके आगे चढ़ाई पर पार्वतीगंगा के तट पर मणिकर्ण तीर्थ आता है।
चूंकि यह पहाड़ी इलाका है इसलिए यहां पैदल बहुत चलना पड़ता है।

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