शुक्रवार, 15 अक्तूबर 2010

सिद्धियों के लिए सिद्धिदात्री का मंत्र



नवरात्रि के अंतिम दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। सिद्धिदात्री नवरात्रि में किए गए पूजा-अर्चना का फल सिद्धियों के रूप में प्रदान करती है। मां दुर्गा के इस अंतिम स्वरूप की आराधना के साथ ही नवरात्र के अनुष्ठान का समापन हो जाता है। इन्हें प्रसन्न करने के लिए ध्यान मंत्र:
ध्यान का मंत्र
सिद्धगंधर्वयक्षाद्यैरसुरैरमरैरपि।
सेव्यमाना यदा भूयात् सिद्धिदा सिद्धिदायनी॥
अर्थात मां दुर्गा की नवीं शक्ति का नाम सिद्धिदात्री है। मां सिद्धिदात्री चार भुजाओं वाली हैं। इनका वाहन सिंह है। ये कमल पुष्प पर भी आसीन होती हैं। इनकी दाहिनी ओर के ऊपर वाले हाथ में गदा और नीचे वाले हाथ में चक्र विद्यमान है। बांई ओर के ऊपर वाले हाथ में कमलपुष्प और नीचे वाले हाथ में शंख विद्यमान है।

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