शनिवार, 16 अक्तूबर 2010

राष्ट्रमंडल खेलों में गाड़े झंडे,


भारत ने 19वें राष्ट्रमंडल खेलों में पदकों का शतक जमाकर इतिहास रच दिया। जो पिछले 80 सालों में नहीं हो सका वो करिश्मा दिल्ली में देखने को मिला। लेकिन इसका पूरा श्रेय जाता है हमारे निशानेबाजों और पहलवानों को। निशानेबाजी और कुश्ती में हमें 49 पदक मिले, यानी लगभग आधे।
भारत को शूटिंग में 14 गोल्ड, 11 सिल्वर और 5 ब्रोंज मेडल हाथ लगे, जबकि कुश्ती में हमारे पहलवानों ने 10 स्वर्ण, 5 रजत और 4 कांस्य पदक झटके। गगन नारंग, ओंकार सिंह, विजय कुमार, गुरप्रीत, अनीसा, अखिल कुमार, सुशील कुमार जैसे खिलाड़ियों ने देश का नाम रोशन कर दिया है।
भारत के पदकों के शतक में अहम भूमिका इन्ही दो खेलों की रही है। इसी के बूते भारत ने खेलों में दूसरा स्थान प्राप्त किया। अब सभी एथलीटों का लक्ष्य होगा नवंबर में होने वाले एशियन गेम्स। चीन की मेजबानी वाले इस टूर्नामेंट में इंडियन खलाड़ियों का सामना चीन, नोर्थ कोरिय और जापान जैसे देशों के दिग्गज खिलाड़ियों से सामना होगा।
अब भारतीय खिलाड़ियों के सामने राष्ट्रमंडल खेलों का प्रदर्शन चीन में दोहराने की चुनौती होगी। भारत के एकमात्र वर्ल्ड चैंपियन पहलवान सुशील कुमार ने एशियन गेम्स से नाम वापस लेकर पहले ही झटका दे दिया है। अब देखने वाली बात होगी कि हमारे धुरंधर चीन में क्या कमाल करते हैं।
भारत अगर किसी खेल में बादशाह है तो वो है क्रिकेट। लेकिन भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड पहले ही हाथ खड़े कर चुका है। जून में ही बीसीसीआई ने ये घोषणा कर दी थी कि ना पुरुष ना महिला क्रिकेट टीम एशियन गेम्स में हिस्सा लेगी।
एशियन गेम्स के 1951 में हुए आगाज से लेकर साल 2006 में हुए अंतिम आयोजन तक भारत ने कुल 494 पदक हासिल किए हैं, जिसमें से 114 स्वर्ण, 152 रजत और 228 कांस्य पदक शामिल हैं।
कॉमनवेल्थ गेम्स 2010 की स्वर्णिम सफलता के बाद अब सबकी निगाहें चीन में होने वाले एशियन गेम्स पर टिक गई हैं।
क्या आपको लगता है कि 12 नवंबर से 27 नवंबर के बीच होने वाले खेलों के महासमर में भारतीय एथलीट दिल्ली का प्रदर्शन दोहरा पाएंगे?

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