शनिवार, 2 अक्तूबर 2010

मिल गया एलियंस का ठिकाना !


अंतरिक्ष वैज्ञानिकों का दावा है कि उन्होंने पृथ्वी जैसे ही एक ग्रह को सौर मंडल से बाहर ऐसे इलाके में देखा है, जहां जीवन की संभावनाएं पहले से ही जताई जा रही हैं। जिस जगह पर इसे देखा गया है, उस जगह को ‘गोल्डीलॉक्स जोन’ कहा जाता है।

अमेरिकी संस्था नेशनल सांइस फाउंडेशन की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, इस ग्रह की हमारे सौर मंडल से दूरी अन्य ग्रहों की अपेक्षा कम है। इसके अलावा इसकी अपने उपग्रहों से दूरी भी न बहुत ज्यादा और न बहुत कम है। हवाई स्थित डब्ल्यूएम कैक ऑब्जर्वेटरी में 11 साल तक अंतरिक्ष के अवलोकन के बाद यह खोज हुई है।
तापमान है सामान्य
साथ ही इस ग्रह का तापमान भी संतुलित कहा जा सकता है और इसी आधार पर इसे पृथ्वी के समान होने का दावा किया गया है। इससे जीवन वाले एकमात्र ग्रह पृथ्वी को साथी ग्रह मिलने की संभावना बलवती हुई है। ग्रह की तारों से दूरी 120 खरब मील आंकी गई है। यह दूरी तारों से अन्य ग्रहों की दूरी की तुलना में कम है। इस ग्रह की खोज का दावा करने वाले कैलीफोर्निया विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों का कहना है कि सौर मंडल से बाहर का यह पहला ग्रह होगा जिस पर जीवन की संभावनाएं तलाशी जा सकती हैं।
मिल सकता है जल
वैज्ञानिकों के दल द्वारा खोजे गए इस ग्रह का आकार पृथ्वी जितना ही है और इसका द्रव्यमान पृथ्वी के द्रव्यमान का तीन गुना है। यह ग्रह एक नजदीकी तारे की कक्षा में उतनी दूरी पर स्थित है जहां इसके तल पर तरल जल मौजूद हो सकता है। खगोलविद स्टीवन वोग्ट कहते हैं कि हमारे निष्कर्ष एक संभावित रहने योग्य ग्रह की सम्मोहक संभावनाएं प्रस्तुत करते हैं। उन्होंने कहा कि वास्तव में यह ग्रह बहुत कम समय में खोज लिया गया है और इसका मतलब है कि इस तरह के ग्रहों की मौजूदगी सामान्य है।
यदि इस दल के निष्कर्षो को अन्य वैज्ञानिकों की स्वीकृति मिल जाती है तो यह अब तक खोजा गया ऐसा पहला ग्रह होगा जो पृथ्वी से बहुत हद तक मिलता-जुलता है। यह ग्रह लाल रंग के बौने तारे ‘ग्लीज 581’ की कक्षा में चक्कर लगाता है। यह तारा तुला नक्षत्र पर पृथ्वी से 20 प्रकाश वर्ष की दूरी पर है। खगोल वैज्ञानिक जिसे ‘हैबीटेबल जोन’ यानी बसने लायक क्षेत्र कहते हैं, यह ग्रह उसी के बीचोंबीच मौजूद है।
गोल्डीलॉक प्लेनेट्स
गोल्डीलॉक प्लेनेट उस ग्रह को कहते हैं जो हैबीटेबल जोन में आते हैं। विशेषतौर पर पृथ्वी के जितने आकार के ग्रहों को गोल्डीलॉक प्लेनेट कहते हैं। इस सिद्धांत के तहत उन ग्रहों को चुना जाता है जो जीवन की उत्पत्ति के लिए न तो तारों से बहुत अधिक दूर होते हैं और न ही बहुत पास। शोधकर्ता ऐसे ग्रहों पर खासतौर पर अध्ययन कर रहे हैं, जिनमें जीवन हो या भविष्य में जिनमें मानवों के लिए रहने लायक परिस्थितियां हों। मार्च २क्क्९ में लॉन्च किए गए केप्लर मिशन का प्रमुख उद्देश्य पृथ्वी के आकार के गोल्डीलॉक प्लेनेट्स की खोज करना और पता करना है कि वहां रहने लायक स्थितियां हैं या नहीं।
डीबी स्टार नेटवर्क

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