बुधवार, 17 नवंबर 2010

सेहतमंद बच्चे का वरदान देती हैं देवी

मां भगवती दुर्गा अनेक रूपों में भारतभर में विराजित हैं। मां दुर्गा का एक रूप मां कैला देवी के नाम से प्रसिद्ध है।मां लक्ष्मी और माँ चामुण्डा यहां एक साथ विराजमान हैं। राजस्थान के करौली जिले में स्थित हैं जो जयपुर से लगभग 150 किलोमीटर दूरी पर है। पुराने समय में इसे कल्याणपुरी के नाम से जाना जाता था। करौली से 25 किलोमीटर दूर कालीसिल नदी के किनारे स्थित त्रिकुट पहाड़ पर मां भगवती को कैलादेवी के रूप में जाना जाता है।
कथा :एक समय भगोरा नाम का भक्त पर्वत पर स्थित केदार नाम की गुफा में मां शक्ति की उपासना करने लगा वर्षों की तपस्या के बाद मां भगवती ने भक्त को दर्शन देकर कहा कि वह स्वयं इस स्थान पर कैलादेवी के नाम से विराजमान होंगी। मंदिर के पीछे कालीसिल नाम की एक बड़ी नदी है। अपने काले पानी की वजह से यह विशेष रूप से जानी जाती है। मंदिर के सामने एक हनुमान मंदिर है जो लंगुरिया के नाम से विख्यात है। यहां का मुख्य आकर्षण दोनों नवरात्रि (चैत्र और शारदीय) में लगने वाला मेला है जहां लाखों भक्त हर साल माँ की असीम कृपा प्राप्त करते हैं। यहां आने वाले भक्त विशेष रूप से अपने बच्चों के अच्छे स्वास्थ्य की कामना लेकर आते हैं। चैत्र नवरात्रि में लगने वाला मेला सबसे बड़ा आकर्षण का केंद्र है।
कैसे पहुंचें - वायू मार्ग से कैलादेवी जाने के लिए जयपुर-आगरा-ग्वालियर एयरपोर्ट से बस और टैक्सी मिल जाती है। ट्रेन से कैलादेवी जाने के लिए सबसे नजदीकी स्टेशन गंगापुर सिटी है। गंगापुर सिटी एक बड़ा स्टेशन है जो रेलवे लाइन के हर मुख्यालय से जुड़ा है।

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