सोमवार, 3 जनवरी 2011

बिलासपुर में एशिया का सबसे बड़ा हाईकोर्ट


.बोदरी स्थित नया हाईकोर्ट भवन देश ही नहीं, एशिया में सबसे बड़ा है। इसका निर्मित क्षेत्रफल 44 हजार 500 वर्गमीटर (4 लाख 80 हजार वर्गफीट) है। जितना बड़ा यह भवन है, उसी के अनुसार लागत भी है।
मुख्य भवन ही 108 करोड़ में बना है, जबकि कैंपस में बन रहे अन्य दफ्तरों, जजों के बंगले और स्टाफ क्वार्टर मिलाकर इसकी लागत 200 करोड़ के आसपास पहुंच रही है।
हाईकोर्ट के नए भवन के लिए जमीन, पैसे, सुविधाओं में राज्य शासन की ओर से कोई कमी नहीं रखी गई है। लोक निर्माण विभाग के अनुसार हाईकोर्ट का मुख्य भवन जितने क्षेत्रफल में बना है, पूरे एशिया में इतना बड़ा हाईकोर्ट भवन नहीं है।
चार मंजिला भवन के भूतल में 12 रिकार्ड रूम, लाइब्रेरी, कांफ्रेंस हाल, पोस्ट आफिस, डिस्पेंसरी, बैंक, लोक निर्माण विभाग का दफ्तर, कैंटीन, अतिरिक्त रजिस्ट्रार व उप रजिस्ट्रार के लिए एक-एक कक्ष, महिला-पुरुषों के लिए अलग-अलग कामन रूम सहित 16 अन्य कक्ष बनाए गए हैं। फस्र्ट फ्लोर में रजिस्ट्रार जनरल आफिस, रजिस्ट्रार के 2 कक्ष, अतिरिक्त रजिस्ट्रार हेतु चार कमरे, राष्ट्रीय सूचना केंद्र, 6 मीटिंग रूम, 11 रेस्ट रूम, कैंटीन सहित 24 अतिरिक्त कमरेसेकेंड फ्लोर में चीफ जस्टिस का कोर्ट रूम, आफिस व विश्राम कक्ष, अन्य जजों के लिए 14 कोर्ट रूम, कार्यालय व विश्राम कक्ष, एडवोकेट रेस्ट रूम की व्यवस्था है। भवन के तृतीय तल में जजों के लिए टी लाउंज, डाइनिंग हाल, कांफ्रेंस हाल, 5 अतिथि कक्ष और 6 अन्य कक्ष बनाए गए हैं।
दो मंजिला महाधिवक्ता कार्यालय
नए भवन का महाधिवक्ता कार्यालय 3343 वर्गमीटर क्षेत्र में बना है। इस दोमंजिला भवन के भूतल में विभिन्न सेक्शन, लाइब्रेरी, जलपान कक्ष सहित 11 कमरे हैं। प्रथम तल में महाधिवक्ता कार्यालय, विश्राम कक्ष, दो अतिरिक्त महाधिवक्ता कार्यालय, विश्राम कक्ष, चार उपमहाधिवक्ता आफिस और विश्राम कक्ष, कांफ्रेंस हाल, मीटिंग हाल, रेस्ट रूम लाइब्रेरी के साथ ही 14 अतिरिक्त कक्ष बनाए गए हैं।
वकीलों के लिए अलग व्यवस्था
वकीलों के बैठने और दफ्तर के लिए भी दो मंजिला भवन बनाया गया है। इसके भूतल में 84 वकीलों के लिए चेंबर और महिला व पुरुषों के लिए अलग-अलग बार रूम और कैंटीन बनवाया गया है। प्रथम तल में 16 एडवोकेट चेंबर, बार कौंसिल के लिए आफिस और कैंटीन बनवाया गया है।

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