बुधवार, 12 जनवरी 2011

रामायण से सीखें परिवार बचाने के गुर


रामकथा दुनिया में सबसे ज्यादा पढ़ी, सुनी और गाई जाने वाली कथा है। रामायण न केवल हिंदु धर्म ग्रंथों में सबसे ऊंची है बल्कि इसके भीतर दिए गए जीवन प्रबंधन के सूत्र भी काफी कारगर है। रामकथा समाज और परिवार के लिए आदर्श है। आदर्श समाज और आदर्श परिवार दोनों की रचना रामायण के सिद्धांतों पर हो तो कभी ये टूटेंगे नहीं। परिवार को सुख और शांति से चलाने के गुर तो रामायण से ही सीखे जाने चाहिए।
तुलसीदास की रामचरितमानस में संयुक्त परिवार में प्रेम और स्नेह के ऐसे प्रसंग हैं जो आज भी हमारे परिवार के लिए उपयोगी साबित होंगे। भगवान राम ने वन में रहते हुए भी अपने परिवार की पूरी रक्षा की। भरत को भी ये ही उपदेश दिया कि अयोध्या में रहकर राज्य, समाज और परिवार का पालन करो। रामायण के हर प्रसंग में कहीं-न-कहीं परिवार जुड़ा है। यह आदर्श परिवार का ग्रंथ है। राम ने अपने परिवार और समाज के लिए कई त्याग किए। हिंदु परिवारों में अभी भी घर की सुख-शांति के लिए रामायण का पाठ किया जाता है।
तुलसीदास की रामचरित मानस के तीन अध्याय अयोध्याकांड, किष्किंधा कांड और उत्तरकांड पूरी तरह परिवार पर आधारित हैं। इन तीनों कथाओं के केंद्र में परिवार ही है।

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