बुधवार, 12 जनवरी 2011

हनुमान चालीसा के साथ करें ध्यान


आधुनिक जीवन में तेज-तर्रार और सक्रिय बने रहने में योग सबसे ज्यादा सहायक है। हम सफलता तो पा रहे हैं लेकिन सफलता के साथ वो शांति नहीं मिल पाती जिसकी हमारे मन को तलाश रहती है। युवा पीढ़ी के साथ सबसे बड़ी परेशानी यही है कि वो सफल तो है लेकिन शांत नहीं। मन हमेशा बेचैन रहता है। ऐसे में शांति के लिए श्रीहनुमान चालीसा के साथ ध्यान का प्रयोग सबसे ज्यादा कारगर है।
श्री हनुमान चालीसा की सबसे बड़ी खासियत यही है कि इसमें सफलता और शांति दोनों के सूत्र हैं। अगर इसे रोजमर्रा के काम का हिस्सा बना लिया जाए तो हमारी कई परेशानियां हल हो सकती हैं। श्रीहनुमान चालीसा तुलसीदासजी ने बहुत बचपन में लिखी थी। देश-दुनिया में सारे भगवानों की स्तुतियों में यह सबसे ज्यादा सरल और सबसे ज्यादा गाई जाने वाली स्तुति है। श्री हनुमान चालीसा और भगवान हनुमान का चरित्र जीवन में सफलता और शांति का संतुलन बनाता है। हम हमारे रोज के कामों में इसे अनिवार्य रूप से शामिल कर लें, रोज सुबह हनुमान चालीसा की पक्तियों के साथ ध्यान का अभ्यास करें तो फिर किसी और भक्ति की आवश्यकता ही नहीं रह जाएगी।
हनुमान योग के साक्षात देवता हैं। उनके योगी स्वरूप पर ध्यान केंद्रीत करें। एक-एक चौपाई बोलते जाएं और उसके साथ सांस पर ध्यान लगाकर प्राणायाम का अभ्यास करें। पहले सांस भीतर खींच लें, फिर चौपाई बोलते हुए सांस छोड़ते जाएं। यह विधि आपको चमत्कारिक परिणाम देगी। आगे के लेखों में आपको श्रीहनुमान चालीसा की चौपाइयों का अर्थ और योग में उनके महत्व के बारे में भी जानकारी दी जाएगी।

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