शुक्रवार, 11 फ़रवरी 2011

दूल्हा-दुल्हन क्यों रचाते हैं मेंहदी?

हमारे यहां शादी में दूल्हा और दुल्हन को मेहंदी लगाने की परंपरा है। साथ ही हर खुशी के अवसर पर महिलाएं, युवतियां, लड़कियां मेहंदी जरूरी लगाती हैं। आजकल तो मेहंदी एक फैशन की तरह ट्रेंड में आ गई है। सामान्यत: बिना किसी विशेष अवसर के भी लड़कियों के हाथों में लगी मेंहदी दिखाई देती है। शादी एक ऐसा प्रसंग होता है जिसमें दूल्हा - दुल्हन को बहुत अच्छे से सजाया और संवारा जाता है। हल्दी के अलावा शादी में मेंहदी की रस्म भी बड़ी धुमधाम से की जाती है। इस रस्म में दूल्हा- दुल्हन को मेंहदी लगाने के साथ ही नाच-गाना भी किया जाता है।
मेंहदी की रस्म के पीछे कारण सिर्फ इतना है कि मेंहदी को सौभाग्य सामग्री मानी जाती है। इसलिए माना जाता है कि दूल्हा या दुल्हन को मेंहदी जितनी गहरी रचती है उनका आपसी प्यार और सामंजस्य उतना ही अधिक होता है। मेहंदी को गंध के रूप में देवताओं को भी अर्पित किया जाता है। मेंहदी से दूल्हा या दुल्हन के सौन्दर्य में चार चांद लग जाते हैं। इसलिए हर खुशी के मौके पर मेंहदी लगाने की परंपरा शुरू की गई क्योंकि मेंहदी की तासीर ठंडी होती है। मेंहदी कई तरह की त्वचा के रोग मिटाते हैं। मेंहदी का प्रयोग गर्मी से राहत पाने के लिए भी किया जाता है।

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