रविवार, 20 फ़रवरी 2011

अनोखी रस्म: सात फेरे के बाद फिर फेरे!

हिन्दू शादी में अनेक रितिरिवाज होते हैं। कुछ रिवाज ऐसे हैं जिन्हें हम बहुत पुराने समय से निभाते चले आ रहे हैं लेकिन कुछ रस्में ऐसी हैं जो अब खत्म होती जा रही हैं। इन रस्मों को हमारे देश के कुछ विशेष क्षेत्रों में ही निभाया जाता है।
ऐसी ही एक परंपरा है सात फेरों के बाद फिर फेरे की। कन्फ्यूज मत होइए हम यहां दोबारा शादी के बात नहीं कर रहे हैं बल्कि बात कर रहे हैं मध्यप्रदेश और राजस्थान में निभाई जाने वाली एक परंपरा की जिसे इस क्षेत्र में पलंग फेरे कहा जाता है।
पलंग फेरों का मतलब पलंग के चारों और फेरे लेना नहीं है। दरअसल इस रस्म में फेरों के बाद दुल्हे को दुल्हन के परिवार की तरफ से दहेज में दिए जाने वाले पलंग पर बैठा दिया जाता है। उसके बाद दुल्हन को कपड़े बदलवाकर और देवी- देवताओं से आज्ञा लेकर दुल्हे के पास पलंग पर बैठा दिया जाता है। इस रस्म को इस क्षेत्र में पलंग फेरे की रस्म कहा जाता है।
(www.bhaskar.com)

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