शनिवार, 26 फ़रवरी 2011

क्यों पवित्र माना जाता है गो-मूत्र?

गाय को हिन्दू संस्कृति में पवित्र माना जाता है। गाय को माता भी कहा गया है। हिन्दू धर्म ग्रंथों के अनुसार गाय में 33 करोड़ देवताओं का वास माना गया है।
गाय के पूरे शरीर को ही पवित्र माना गया है लेकिन गाय का मूत्र सर्वाधिक पवित्र माना जाता है।
ऐसा क्यों होता है?
जिस चीज को अपवित्र कहा जाता हो वही मूत्र जब गाय का होता है तो उसे पवित्र मान लिया जाता है। क्या इसके पीछे भी कोई कारण है?
गोमूत्र में पारद और गन्धक के तात्विक गुण अधिक मात्रा में पाये जाते हैं। गोमूत्र का सेवन करने पर प्लीहा और यकृत के रोग नष्ट हो जाते हैं।
गोमूत्र कैंसर जैसे भयानक रोगों को भी ठीक करने में सहायक है। दरअसल गाय का लीवर चार भागों में बंटा होता है। इसके अन्तिम हिस्से में एक प्रकार एसिड होता है जो कैंसर जैसे भयानक रोग को जड़ से मिटाने की क्षमता रखता है।
इसके बैक्टिरिया अन्य कई जटिल रोगों में भी फायदेमंद होते हैं। गो-मूत्र अपने आस-पास के वातावरण को भी शुद्ध रखता है।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें