मंगलवार, 1 मार्च 2011

क्यों जरूरी था जरासंध से युद्ध?

जब युधिष्ठिर ने श्रीकृष्ण से राजसूय यज्ञ करने के बारे में उनके विचार पूछे। तब श्रीकृष्ण ने कहा आपको राजसूय यज्ञ करना चाहिए क्योंकि आप उस यज्ञ को करने के योग्य है लेकिन इसके लिए आपको जरासंध को हराना पड़ेगा क्योंकि जितने भी बड़े राजा हैं वे जरासंध के अधीन है। जरासंध ने उन्हें अपने कब्जे में कर रखा है और वह अपने आप को पुरुषोतम कहता है। वह मेरी उपेक्षा के कारण जिंदा है।जब कंस का आतंक चारो ओर था। तब उसके अत्याचार के कारण मैंने उसे मार दिया। ऐसा करने से के बाद कंस का भय तो मिट गया लेकिन उस समय ही जरासंध ने अपने आप को शक्तिशाली बनाया। उसकी सेना उस समय इतनी बड़ी हो गई थी कि उसने सारे राजाओं को हराकर उन्हें किले में बंद कर दिया। भगवान शंकर की तपस्या से उसे ऐसा वर मिला है जिससे वह अपनी हर प्रतिज्ञा पूरी कर सकता है। इसलिए अगर आप राजसूय यज्ञ करना चाहते हैं तो सबसे पहले कैदी राजाओं को छुड़ाएं। तब युधिष्ठिर कृष्ण से पूछते हैं कि कृष्ण आप ही बताएं की जरासंध को कैसे पराजित करें।
(www.bhaskar.com)

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