बुधवार, 2 मार्च 2011

यह है एक अक्षर का महामंत्र

धर्म के अंतर्गत मंत्रों का विशेष महत्व है। इन मंत्रों के माध्यम से कई विशेष सिद्धियां प्राप्त की जा सकती है। धर्म शास्त्रों में एक ऐसे मंत्र का उल्लेख है जो केवल एक अक्षर का है। इसे एकाक्षर मंत्र भी कहते हैं। इस मंत्र में संपूर्ण सृष्टि समाई हुई है। यह मंत्र है- ऊँ।
इसे ओंकार मंत्र भी कहते हैं।
ऊँ प्रणव अक्षर है। इसमें तीन देव अर्थात ब्रह्मा, विष्णु व महेश की शक्ति समाहित है। ऊँ को निराकार ब्रह्म का स्वरूप माना गया है। ऊँ की ध्वनि एक ऐसी ध्वनि है जिसकी तरंग बहुत प्रभावशाली होती है। ऊँ के उच्चारण सेकई सारे फायदे हैं, जैसे-
लाभ
- विभिन्न ग्रहों से आने वाली अत्यंत घातक अल्ट्रावायलेट किरणों का प्रभाव ओम की ध्वनि की गूंज से समाप्त हो जाता है। मतलब बिना किसी विशेष उपाय के भी सिर्फ ऊँ के जप से भी अनिष्ट ग्रहों के प्रभाव को कम किया जा सकता है।
- ऊँ का उच्चारण करने वाले के शरीर का विद्युत प्रवाह आदर्श स्तर पर पहुंच जाता है।
- इसके उच्चारण से इंसान को वाक्सिद्धि प्राप्त होती है।
- नींद गहरी आने लगती है। साथ ही अनिद्रा की बीमारी से हमेशा के लिए छुटकारा मिल जाता है।
-मन शांत होने के साथ ही दिमाग तनाव मुक्त हो जाता है।
(www.bhaskar.com)

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