शनिवार, 12 मार्च 2011

राक्षस की पत्नी ने दे दिया भगवान विष्णु को शाप...


उन दोनों ने ही रावण और कुंभकर्ण के रूप में जन्म लिया।ब्राह्मण के शाप के कारण उन दोनों ने राक्षस के रूप में तीन जन्म लिए थे। वहां एक जन्म में कश्यप और अदिति भगवान के माता-पिता हुए। जो अगले जन्म में दशरथ और कौशल्या के नाम से प्रसिद्ध हुए।
एक कल्प में सभी देवताओं के जलंधर राक्षस से युद्ध हार जाने से दुखी होकर शिवजी ने उससे बहुत युद्ध किया लेकिन वह राक्षस नहीं मरा। उस राक्षस की पत्नी सती थी। भगवान ने धोखे से उसका स्त्रीव्रत भंग कर देवताओं का काम किया। जब उसे यह बात मालूम हुई की उसके साथ धोखा हुआ है तो उसने गुस्से में भगवान को शाप दिया और भगवान ने उसके शाप को स्वीकार किया।
उसी राक्षस ने रावण के रूप में जन्म लिया। सभी कवियों ने भगवान के अवतारों के बारे में कई प्रकार का वर्णन किया है। एक बार नारद ने भगवान विष्णु को शाप दिया जिसके कारण उनका अवतार हुआ। यह बात सुनकर पार्वती जी बहुत आश्चर्य चकित हुई। तब महादेवजी ने उनसे कहा इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है रामजी जैसा चाहते हैं उसी समय वैसा होने लगता है।

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