शनिवार, 16 अप्रैल 2011

ऐसी मूर्ति का पूजन अपशकुन माना जाता है क्योंकि...

हमारे हिन्दू धर्म में पूजा से जुड़ी अनेक परंपराएं हैं इसीलिए हमारे यहां पूजा में कई छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखा जाता है क्योंकि उनसे जुड़ी कई शकुन व अपशकुन की मान्यताएं हैं।

ऐसी ही एक मान्यता है खंडित मूर्ति का पूजन ना करने की।हमेशा पूजन आदि कर्म करते समय यह बात ध्यान रखनी चाहिए कि मूर्ति किसी भी प्रकार से खंडित या टूटी हुई न हो, खंडित मूर्ति की पूजा को अपशकुन माना गया है।
शास्त्रों के अनुसार ऐसी मुर्ति के पूजन से अशुभ फल की प्राप्ति होती है। मान्यता है कि प्रतिमा पूजा करते समय भक्त का पूर्ण ध्यान भगवान और उनके स्वरूप की ओर ही होता है। अत: ऐसे में यदि प्रतिमा खंडित होगी तो भक्त का सारा ध्यान उस मूर्ति के उस खंडित हिस्से पर चले जाएगा और वह पूजा में मन नहीं लगा सकेगा।
जब पूजा में मन नहीं लगेगा तो व्यक्ति की भगवान की ठीक से भक्ति नहीं कर सकेगा और वह अपने आराध्य देव से दूर होता जाएगा। इसी बात को समझते हुए प्राचीन काल से ही ऋषि-मुनियों ने खंडित मूर्ति की पूजा को अपशकुन बताते हुए उसकी पूजा निष्फल ठहराई गई है।

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