कभी-कभी इंसान के जीवन में ऐसा समय आता है कि वह चारों ओर से परेशानियों का शिकार होने लगता है। और समय लगातार उसकी सोच के विपरीत ही चलता है। लेकिन जो ईश्वर पर विश्वास रखता है उनके साथ बुराई में भी अच्छाई छुपी होती है।
एक बार एक गांव में बाढ़ आने से एक किसान का सब कुछ नष्ट हो गया। परिवार का पेट पालने के लिए उसके पास कुछ न था। वह काम की तलाश में दूसरे गांव गया और एक धनी व्यक्ति के यहां खेतों पर काम करने लगा। उस वर्ष उस व्यक्ति को और सालों की अपेक्षा ज्यादा अच्छी फसल मिली और दाम भी। वह उस किसान से बहुत खुश हुआ। उसने उससे पूछा कि वह ईनाम में क्या चाहता है तो किसान बोला कि आप मुझे जमीन का थोड़ा सा टुकड़ा मुझे खेती के लिए दे दीजिए।
उस साहूकार ने वैसा ही किया। अब किसान ने एक साथी किसान से बैलों की जोड़ी खेत जोतने के लिए उधार ले ली।खेत जोतने के बाद वह उन्हें लौटाने के लिए वापस गया तो साथी किसान ने कहा कि वह उन्हें आंगन में बांध दे। किसान ने वैसा ही किया और चला गया। घर जाकर वह जैसे ही खाना खाने बैठा वैसे वह किसान आया और उसे बोलने लगा कि मेरे बैल कहां हैं तुम्हारी नीयत में खोट आगया है तुम मेरे बैल लौटाना नहीं चाहते हो। मैं राजा से तुम्हारी शिकायत करूंगा।
वह उसे राजा के पास ले गया और राजा से शिकायत करते हुऐ बोला कि इसने मेरे बैल चुराए है मुझे न्याय दिलाऐं। राजा ने दोनों की बात सुनी और शिकायत करने वाले किसान से पूछा कि जब यह तुम्हारे पास बैल लौटाने आया था तब तुमने अपने बैल देखे उसने कहा हां तब राजा ने उस किसान को छोड़ दिया क्योंकि उस किसान ने खुद स्वीकार किया कि उसने खुद अपनी आखों से अपने बैलों को अपने घर में देखा था।
एक बार एक गांव में बाढ़ आने से एक किसान का सब कुछ नष्ट हो गया। परिवार का पेट पालने के लिए उसके पास कुछ न था। वह काम की तलाश में दूसरे गांव गया और एक धनी व्यक्ति के यहां खेतों पर काम करने लगा। उस वर्ष उस व्यक्ति को और सालों की अपेक्षा ज्यादा अच्छी फसल मिली और दाम भी। वह उस किसान से बहुत खुश हुआ। उसने उससे पूछा कि वह ईनाम में क्या चाहता है तो किसान बोला कि आप मुझे जमीन का थोड़ा सा टुकड़ा मुझे खेती के लिए दे दीजिए।
उस साहूकार ने वैसा ही किया। अब किसान ने एक साथी किसान से बैलों की जोड़ी खेत जोतने के लिए उधार ले ली।खेत जोतने के बाद वह उन्हें लौटाने के लिए वापस गया तो साथी किसान ने कहा कि वह उन्हें आंगन में बांध दे। किसान ने वैसा ही किया और चला गया। घर जाकर वह जैसे ही खाना खाने बैठा वैसे वह किसान आया और उसे बोलने लगा कि मेरे बैल कहां हैं तुम्हारी नीयत में खोट आगया है तुम मेरे बैल लौटाना नहीं चाहते हो। मैं राजा से तुम्हारी शिकायत करूंगा।
वह उसे राजा के पास ले गया और राजा से शिकायत करते हुऐ बोला कि इसने मेरे बैल चुराए है मुझे न्याय दिलाऐं। राजा ने दोनों की बात सुनी और शिकायत करने वाले किसान से पूछा कि जब यह तुम्हारे पास बैल लौटाने आया था तब तुमने अपने बैल देखे उसने कहा हां तब राजा ने उस किसान को छोड़ दिया क्योंकि उस किसान ने खुद स्वीकार किया कि उसने खुद अपनी आखों से अपने बैलों को अपने घर में देखा था।
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