शनिवार, 7 मई 2011

दीपक हमेशा विषम संख्या में लगाने चाहिए क्योंकि...

दीपक ज्ञान और रोशनी का प्रतीक है। पूजा में दीपक का विशेष महत्व है।

आमतौर पर विषम संख्या वाले दीप प्रज्जवलित करने की परंपरा चली आ रही है। दीप प्रज्जवलन का भाव है। हम अज्ञान का अंधकार मिटाकर अपने जीवन में ज्ञान के प्रकाश के लिए पुरुषार्थ करें। प्राय: दीपक एक, तीन, पांच और सात की विषम संख्या में ही जलाए जाते हैं ऐसा मानना है। विषम संख्या में दीपों से वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न होती है।
दीपक जलाने से वातावरण शुद्ध होता है। दीपक में गाय के दुध से बना घी प्रयोग हो तो अच्छा अथवा अन्य घी या तेल का प्रयोग भी किया जा सकता है। गाय के घी में रोगाणुओं को भगाने की क्षमता होती है। यह घी जब दीपक में अग्नि के संपर्क से वातावरण को पवित्र बना देता है। प्रदूषण दूर होता है। दीपक जलाने से पूरे घर को फायदा मिलता है। चाहे वह पूजा में सम्मिलित हो अथवा नहीं। दीप प्रज्जवलन घर को प्रदूषण मुक्त बनाने का एक क्रम है। दीपक में अग्नि का वास होता है। जो पृथ्वी पर सूरज का रूप है।

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