बुधवार, 22 जून 2011

ये 4 सुख देती है लक्ष्मी की प्रसन्नता!

पौराणिक कथा के मुताबिक महालक्ष्मी समुद्र मंथन से प्रकट हुई और भगवान विष्णु को अपना स्वामी बनाया। धार्मिक मान्यताओं में देवी लक्ष्मी को सुख, ऐश्वर्य, धन, वैभव, श्री की अधिष्ठात्री माना गया है।
वहीं भगवान विष्णु सत्व बल यानी शांति और सद्गुणी शक्तियों के स्वामी माने गए हैं। विष्णु-लक्ष्मी के योग को व्यावहारिक नजरिए से विचार करें तो संकेत यही मिलता है कि सद्गुणों और सद्कर्मों से ही सुखी और वैभवशाली जीवन संभव है। भगवान विष्णु और लक्ष्मी की उपासना का फल भी यही माना गया है।
इसी संबंध में विष्णु प्रिया लक्ष्मी आराधना से मिलने वाले फलों को सांसारिक जीवन के नजरिये से जानें तो उन फलों को चार भागों में बांटा जा सकता है। ये चारों ही फल ही इंसानी जीवन के अहम अंग है। जानते हैं लक्ष्मी कृपा से मिलने वाले ये चार फल -
धन - जीवन के दायित्वों को निभाने और जरूरतों की पूर्ति के लिये धन बहुत अहम माना गया है। शास्त्रों में भी धन को सुख का साधन बताया गया है।
पद - जीवन में ऊंचाई पर पहुंचना हर इंसान की कामना होती है, लक्ष्मी उपासना ऐसे ही ऊंचे मुकाम पर पहुंचाने का काम करती है।
यश - जीवन में पद पाना ही काफी नहीं बल्कि उसके साथ यश, सम्मान और प्रतिष्ठा भी अहम होती है, जो लक्ष्मी पूजा से प्राप्त होती है।
भौतिक सुख-सुविधा - धन, पद और यश के साथ-साथ भौतिक सुविधाओं, वस्तुओं और पदार्थों के भोग की कामना भी हर इंसान करता है। यह इच्छा लक्ष्मी कृपा से पूरी होती है।

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