बुधवार, 13 जुलाई 2011

ऐसे जज्बे को देखकर हैरत में पड़ जाएंगे आप भी!!

अंधापन अभिशाप नहीं है। दोनों आंखों से दिखाई न देने के बावजूद जिंदगी बेहद खूबसूरत हो सकती है। कई बार तो दोनों आंखों से दिखाई देने वाले इंसान से भी अधिक अनोखी, अद्भुत एवं हैरतअंगेज कार्य करने में सक्षम बन सकती है। शरीर तो मात्र एक साधन है असली ताकत तो साहस और संकल्पबल में होती है। ये कोई दार्शनिक बातें भर नहीं है। इन बातों में आंखों देखी सच्चाई छुपी हुई है। आइये चलते हैं एक ऐसी सच्ची और वास्तविक घटना की ओर जो यह साबित कर देगी कि अंधापन अभिशाप नहीं है-
माइल्स हिल्टन बारबर की कहानी उन जांबाजों के समान है, जिसे सुनकर कोई भी हैरत में पड़ सकता है। 59 साल की उम्र पार कर चुके माइल्स हिल्टन इंग्लैड के डर्बिशायर के निवासी हैं। हिल्टन ने सन् 2006 के अप्रेल महिने में एक अद्भुत कारनामा कर दिखाया।
हिल्टन ने लंदन से ऑस्ट्रेलिया के सिडनी शहर के बीच की 21, 500 कि . मी. की दूरी माइक्रोलाइट एयरक्राफ्ट से बगैर किसी सहायक के अकेले पूरी कर ली। जबकि हिल्टन शत-प्रतिशत अंधेपन के शिकार हैं। हिल्टन ये यह बेहद लंबी दूरी पूरे 55 दिनों में पूरी की, लेकिन एक पूर्ण अंधा व्यक्ति जिसे बगैर सहारे के एक-कदम चलने में भी कठिनाई का सामना करना पड़ता हो उसके द्वारा बगैर किसी सहायक के इतनी लंबी खतरों से भरी हुई हैरतअंगेज आसमानी यात्रा पूरा करना, वाकई काबिले तारीफ है।
माइल्स हिल्टन द्वारा किये गए ऐसे अद्भुत हैरतअंगेज कार्यो की लंबी श्रृंखला है। वे पैराशूट से सहारा और अंटार्कटिका जैसे दुर्गम क्षेत्रों को भी पार कर चुके हैं। हिमालय की ऊंची चोटियों की चढ़ाई करना भी हिल्टन के हैरतअंगेज कार्यों में शामिल है...।
अत: यदि कोई परिस्थितियों और परेशानियों को ही अपनी असफलता के लिये दोष देता हो तो उसे माइल्स हिल्टन जैसे जांबाजों की जिंदगी से अवश्य ही सबक लेना चाहिये।
www.bhaskar.com

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें