शनिवार, 16 जुलाई 2011

मुसीबत कोई भी हो... ऐसी तरकीब आना चाहिये!!

एक सफल आदमी की पहचान है कि उसे हर परिस्थिति का सामना करना आना चाहिए। किसी मुसीबत में फंसने पर वहां से बच निकलने की कला हर आदमी को सीखनी चाहिए। और जिसे ये कला आती है वह दुनिया को जीतने का दम रखता है।
एक आदमी अपने वाक चातुर्य के लिए बड़ा जाना जाता था। एक बार वो कोई गलती करते पकड़ा गया और पुलिस के हत्थे चढ़ गया। उसे जज के सामने ले जाया गया। उसकी बहस सुनकर जज को गुस्सा आने लगा जज ने उस आदमी से कहा कि तुम बहुत चतुर मालूम होते हो, हर बात को अपनी बातों में उलझा देते हो।
जज ने उससे कहा कि तुम अब हर बात का जवाब हां या न में देना। वह व्यक्ति बोला जज साहब अगर आपको आपकी हर बात का जवाब हां या न में चाहिए तो आपने जो मुझे कसम दिलाई है कि मुझे यहां सब सच बोलना है उसे वापस ले लें। जज ने आश्चर्य से पूछा कि ऐसी कौनसी बात है जिसका उत्तर तुम मुझे हां या न में नहीं दे सकते। दौनों अपनी बात पर अड़ गए तब वह व्यक्ति जज से बोला कि ठीक है अगर आप मेरी बात का जवाब हां या न में दे पाए तो मैं आपके हर सवाल का जवाब हां या न में दे दूंगा।
जज बोला ठीक है। वह व्यक्ति बोला कि आप ये बताए कि आपने अपनी पत्नी को पीटना बन्द कर दिया। जज दुविधा में फंस गया हां कहने का मतलब था कि वह पहले अपनी पत्नी को मारता था। न कहने का मतलब की अब भी पीटता है।उससे कोई जवाब देते नहीं बना। जज ने उस आदमी को छोड़ दिया। अपने वाक चातुर्य के बल से वह आदमी जेल जाने से बच गया।

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