बुधवार, 13 अक्तूबर 2010

दुश्मनों को जीतने के लिए कालरात्रि का मंत्र



नवरात्रि के सातवें मां दुर्गा के काल को जीतने वाले स्वरूप कालरात्रि की पूजा की जाती है। कालरात्रि भक्तों के शत्रुओं को नाश करती हैं और मनोवांछित फल प्रदान करती है। इनकी पूजा से हमारा हर प्रकार का भय समाप्त होता है।
मां कालरात्रि के लिए ध्यान मंत्र
एकवेणी जपाकर्णपूरा नग्ना खरास्थिता।
लम्बोष्ठी कर्णिकाकर्णी तैलाभ्यक्तशरीरिणी॥
वामपादोल्लसल्लोहलताकण्टक भूषणा।
वर्धन्मूर्धध्वजा कृष्णा कालरात्रिर्भयंकरी॥
अर्थात्: मां दुर्गा के सातवें स्वरूप का नाम कालरात्रि है। इनके शरीर का रंग घने अंधकार की तरह एकदम काला है। सिर के बाल बिखरे हुए हैं। गले में विद्युत की तरह चमकने वाली माला है। इनके तीन नेत्र हैं। ये तीनों नेत्र गोल हैं। इनकी नासिका के श्वास-प्रश्वास से अग्रि की भयंकर ज्वालाएं निकलती रहती है। इनका वाहन गंदर्भ हैं।

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