सोमवार, 18 अक्तूबर 2010

मंगल के अमंगल प्रभाव कैसे हो दूर?


मंगलदेव ज्योतिष के नौ ग्रहों के सेनापति हैं। मंगल ग्रह हमारे जीवन और शरीर को काफी प्रभावित करता है। हमारे शरीर में मंगल का निवास रक्त में होता है। जिस व्यक्ति की कुंडली में मंगल अशुभ प्रभाव देने वाला है तो उसे रक्त संबंधी किसी बीमारी का सामना करना पड़ सकता है। साथ ही मंगल विवाह में देरी का कारण बनता है।

अशुभ मंगल होने पर व्यक्ति कुरुप, झूठा, झगड़ालु, व्यभिचारी, कपटी, गरीब जैसी अनेक बुराइयों वाला होता है। इन बुराइयों से बचने के लिए मंगल को शांत करने करने के लिए ज्योतिषीय उपाय करने होते हैं। जिससे मंगलदेव के अमंगल प्रभावों को रोका जा सकता है। यह उपाय अपनाने से अच्छा समय शुरू हो सकता है।
- हनुमानजी एवं मंगल की आराधना करें।
- सूर्य एवं चंद्रमा की वस्तुओं का दान करें।
- गुरु एवं शुक्र का उपाय करें।
- कभी भी झूठ ना बोलें।
- कोई भी चीज मुफ्त में ना ले।
- भाई और साले की सेवा करें, उनका ध्यान रखें।
- रेवडिय़ां और बताशे नदी में प्रवाहित करें।
- बिजली के व्यवसाय से दूर रहे, हानि हो सकती है।
- रोज नाश्ते में कुछ मीठा अवश्य खाएं।
- भाई और मित्रों की सहायता करें।
- घर में असली हाथी दांत रखें।
- चांदी की अंगूठी बाएं हाथ की सबसे छोटी उंगली में धारण करें।
- सफेद रंग की कोई वस्तु हमेशा साथ रखें। जैसे रुमाल।
- सोना, चांदी, तांबा तीनों मिलाकर अंगूठी पहनें।
- विधवा स्त्रियों को धन का दान करें।
- चावल को दूध में धोएं और 7 मंगलवार तक नदी में बहाएं।
- अपनी माता की सेवा करें। साधु-संतों तथा बंदरों को खाना खिलाएं।
- रात को सोते समय सिर के पास पानी का बर्तन भरकर रखें और सुबह पेड़-पौधों में वह पानी डाल दें।
- अधार्मिक कार्यों से बचें।
- दूध तथा दूध से बनें खाद्य पदार्थ दान करें।
- बच्चों को सोना नहीं पहनाएं।
- शनिदेव की विशेष पूजा अर्चना करें।
- हनुमानजी को सिंदूर-तेल चढ़ाएं।
- कन्याओं को दूध, चांदी का दान दें।
- अमावस्या को धर्म स्थान में खीर व मीठा भोजन दान करें।

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