मंगलवार, 14 दिसंबर 2010

महत्वकांक्षी महिलाएं

अमेरिका से ज्यादा महत्वकांक्षी हैं भारतीय महिलाएं: रिपोर्ट
शीर्ष पद पर पहुंचने की इच्छा रखने के मामले में भारतीय महिलाएं अमेरिकी महिलाओं की तुलना में ज्यादा महत्वाकांक्षी होती हैं। यह इस बात का संकेत है कि भारत में महिलाओं की स्थिति में काफी बदलाव आ चुका है।
गैर लाभकारी संस्था सेंटर फॉर वर्क लाइफ पालिसी की रिपोर्ट 'बैटल ऑफ फीमेल टैलंट इन इंडिया' यानी भारत में महिला-प्रतिभाओं का संघर्ष में कहा गया है कि 80 प्रतिशत भारतीय महिलाएं अपनी इस महत्वाकांक्षा को पूरा करने के लिए हर समय कुछ नया कर गुजरने को तैयार रहती हैं। अमेरिकी महिलाओं के लिए यह आंकड़ा 52 प्रतिशत है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत में 30 प्रतिशत से भी कम महिलाएं नौकरी करती हैं और 18 से 23 साल की सिर्फ दस फीसद महिलाएं ही उच्च शिक्षा के लिए दाखिला लेती हैं।
इसके बावजूद 2009 में देश में विभिन्न कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारी के पदों पर 11 फीसदी महिलाएं कार्यरत थीं। फॉर्च्यून 500 और एफटीएसई 100 की कंपनियों की सूची के अनुसार अमेरिका और ब्रिटेन में यह आंकड़ा सिर्फ तीन प्रतिशत का था।
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत की आर्थिक वृद्धि दर बढ़ने से महिलाओं की सामाजिक स्थिति सुधारी है। हालांकि, अब भी कई ऐसे कारण हैं, जिससे नौकरी में महिलाएं तरक्की नहीं कर पातीं। उन्हें बच्चे संभालने के साथ-साथ, कार्यस्थल पर भेदभाव, व्यक्तिगत सुरक्षा की चिंता, दफ्तर आने-जाने में लगने वाले समय और काम के अधिक घंटे जैसी चुनौतियों से जूझना बढ़ना पड़ता है।
करीब 70 प्रतिशत भारतीय महिलाओं ने कहा कि उन्हें बच्चों की देखभाल, अभिभावकों और घर के बुजुर्ग सदस्यों की देखरेख तथा काम के साथ तालमेल बैठाना मुश्किल होता है। वहीं 45 फीसदी भारतीय महिलाओं ने कहा कि कार्यस्थल पर भेदभाव की वजह से उनके आगे बढ़ने के रास्ते में बाधा आती है।
करीब 52 प्रतिशत भारतीय महिलाओं ने कहा कि कार्यस्थल पर जाने के लिए उन्हें अपनी सुरक्षा की चिंता रहती है, वहीं 73 फीसदी को नौकरी के लिए अकेले जाने पर सामाजिक विरोध का सामना करना पड़ता है।

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