सोमवार, 13 दिसंबर 2010

धृतराष्ट्र अंधे व पाण्डु पीले क्यों थे?

अंबिका व अंबालिका से विवाह होने के बाद विचित्रवीर्य दोनों पत्नियों के साथ प्रेम से रहने लगे। इस तरह सात वर्ष खुशी-खुशी बीत गए। लेकिन इसके बाद यौवनावस्था में ही विचित्रवीर्य को क्षय रोग हो गया। बहुत उपचार करने के बाद भी विचित्रवीर्य बिना संतान उत्पन्न किए ही स्वर्गवासी हो गए। तब हस्तिनापुर का सिंहासन खाली हो गया। तब माता सत्यवती ने भीष्म को कहा कि वे काशीनरेश की कन्याओं के द्वारा संतान उत्पन्न कर अपने वंश की रक्षा करें। तब भीष्म ने अपनी प्रतिज्ञा को न तोडऩे का संकल्प दोहराया।
भीष्म की प्रतिज्ञा सुनकर सत्यवती ने अपने पुत्र महर्षि वेदव्यास को बुलाया। महर्षि व्यास के आने पर सत्यवती ने उन्हें विचित्रवीर्य के क्षेत्र में संतान उत्पन्न करने के लिए कहा। माता की आज्ञा मानकर व्यासजी ने अंबिका से धृतराष्ट्र व अंबालिका से पाण्डु को उत्पन्न किया। जब अंबिका व्यासजी के पास गई तो उन्हें देखकर उसने अपनी आंखें बंद कर ली इसी कारण धृतराष्ट्र जन्म से ही अंधे हुए। अंबालिक जब व्यासजी के पास गई तो उन्हें देखकर उसका शरीर पीला हो गया। इसी कारण पाण्डु पीले व कमजोर हुए। तब अंबिका की प्रेरणा से उसकी दासी ने व्यासजी के द्वारा ही विदुर को उत्पन्न किया।
इस तरह धृतराष्ट्र, पाण्डु व विदुर से कुरुवंश आगे बढ़ा।

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