सोमवार, 17 जनवरी 2011

माघ में ऐसे करें भगवान का पूजन


माघ मास स्नान, तप व उपवास के लिए श्रेष्ठ माना गया है। इस मास में यदि विधिपूर्वक भगवान माधव की पूजा की जाए तो सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। माघ मास में विधिपूर्वक भगवान माधव की पूजा से पूर्व प्रात:काल तिल, जल, पुष्प, कुश लेकर इस प्रकार संकल्प करना चाहिए-
ऊँ तत्सत् अद्य माघे मासि अमुकपक्षे अमुक-तिथिमारभ्य मकरस्त रविं यावत् अमुकगोत्र अमुकशर्मा (वर्मा/गोप्तोहं) वैकुण्ठनिवासपूर्वक श्रीविष्णुप्रीत्यर्थं प्रात: स्नानं करिष्ये।
इसके बाद निम्न प्रार्थना करें-
दु:खदारिद्रयनाशाय श्रीविष्णोस्तोषणाय: च।
प्रात:स्नानं करोम्यद्य माघे पापविनाशनम्।।
मकरस्थे रवौ माघे गोविन्दाच्युत माधव।
स्नानेनानेन मे देव यथोक्तफलदो भव।।
दिवाकर जगन्नाथ प्रभाकर नमोस्तु ते।
परिपूर्णं कुरुष्वेदं माघस्नानं महाव्रतम्।।
माघमासमिमं पुण्यं स्नानम्यहं देव माधव।
तीर्थस्यास्य जले नित्यं प्रसीद भगवन् हरे।।
माघमास की ऐसी महिमा है कि इसमें जहां कहीं भी जल हो, वह गंगाजल के समान होता है, फिर भी प्रयाग, काशी, नैमिषारण्य, कुरुक्षेत्र, हरिद्वार तथा अन्य पवित्र तीर्थों और नदियों में स्नान का बड़ा महत्व है।धर्मग्रंथों के अनुसार यदि इस प्रकार पूरे मास भगवान माधव का पूजन किया जाए तो वे अपने भक्तों की हर मनोकामना पूरी करते हैं।

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