गुरुवार, 17 फ़रवरी 2011

शिव नवरात्रि 22 से, महाकाल बनेंगे दूल्हा

विश्वप्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग भगवान महाकाल के शहर उज्जैन में महाशिवरात्रि का उत्सव 22 फरवरी से शुरू हो जाएगा। उज्जैन में यह उत्सव शिव नवरात्रि के रूप में मनाया जाएगा। यह उत्सव 9 दिन तक चलेगा, जिसमें भगवान को दूल्हा बनाया जाएगा। शादी की सारी रस्में होंगी, शिव बारात निकाली जाएगी तथा शिव-पार्वती की शादी का रिसेप्शन भी होगा। ऐसी मान्यता है कि महाशिवरात्रि पर भगवान शिव ज्योतिर्लिंग स्वरूप में प्रकट हुए थे। कई जगह यह भी माना जाता है कि भगवान शिव और पार्वती का विवाह इसी दिन हुआ था।

मंदिर के पुजारी प्रदीप गुरु ने बताया कि शिव नवरात्रि का उत्सव फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की पंचमी (22 फरवरी, मंगलवार) से महाशिवरात्रि (2 मार्च, बुधवार) तक मनाया जाएगा। प्रथम दिन महाकाल का चंदन व केसर से श्रृंगार किया जाएगा तथा तथा राजशाही वस्त्र पहनाए जाएंगे। इसके बाद नौ दिनों तक रोज बाबा महाकाल का आकर्षक श्रृंगार जैसे- घटाटोप श्रृंगार, मनमहेश श्रृंगार, उमामहेश श्रृंगार, शिव तांडव व होल्कर मुघोटा आदि किए जाएंगे।
शिव नवरात्रि के दौरान प्रतिदिन 11 ब्राह्मण सुबह 9 बजे से दोपहर 1 बजे तक शिवलिंग का अभिषेक करेंगे। महाशिवरात्रि से पहले भगवान महाकाल को प्रतीक स्वरूप हल्दी व मेहंदी लगाई जाएगी। शिव नवरात्रि के अंतिम दिन यानि महाशिवरात्रि को भगवान महाकाल का दूल्हे के रूप में श्रृंगार किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि पूरे विश्व में शिव नवरात्रि का उत्सव सिर्फ उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में ही मनाया जाता है। उज्जैनवासी बाबा महाकाल को अपना राजा मानते हैं तथा शिव नवरात्रि के रूप में महाकाल का विवाहोत्सव बड़ी ही धूम-धाम और श्रृद्धा के साथ मनाते हैं।

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