शनिवार, 12 फ़रवरी 2011

जादू की झप्पी से पिघल जाता है गुस्सा

याद कीजिए बचपन में जब मां को आप पर गुस्सा आता था तो आप उन्हें कैसे मनाते थे। याद आया बिल्कुल सही आप उनके गले लग जाते थे। तब आपको पता नहीं था कि आखिर मां के गले लगते ही उनका गुस्सा कहां चला जाता है। मगर गुस्सा चला जरूर जाता था। दरअसल जब हम किसी को गले से लगाते हैं तो शरीर के हार्मोन में बदलाव होने लगता है। गुस्से को बढ़ाने वाला मेल हार्मोन टेस्टेस्टेरॉन कम होने लगता है और आपका गुस्सा शांत हो जाता है।
ऐसा सिर्फ हम नहीं कह रहे हैं। हाल ही में कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय की ओर से किए गए शोध में भी यह यह बात सामने आई है कि एक जादू की झप्पी से गुस्सा तुरंत पिघल जाता है। समाचार पत्र टेलीग्राफ में प्रकाशित खबर के अनुसार कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय की ओर से कराए गए शोध में यह बात सामने आई है कि आलिंगन और स्पर्श का संबंध कई ऐसे स्वास्थ्य गुणों से है जो तनाव और पीड़ा को कम करते हैं। शोध के अनुसार इसका प्रभाव सबसे ज्यादा महिलाओं पर होता है। यानी महिलाएं नाराज हों तो उन्हें जादू की झप्पी देकर मनाया जा सकता है।
मनोविशलेषक डॉक्टर वंदना प्रकाश ने बताया कि गले लगाने के साथ ही हमारे शरीर से गुस्से को बढ़ाने के लिए जिम्मेदार हार्मोन तेजी से कम होने लगता है। किसी को गले लगाने में प्यार का एहसास होता है, यानी जब आप किसी को गले से लगाते हैं तो उसका सीधा मतलब होता है उसके प्रति प्यार जताना। उसे यह बताना कि आपसे गलती हो गई वह आपको माफ कर दे। अगर आम भाषा में कहें तो सिर्फ एक झप्पी गुस्से को मसके की तरह पिघला सकती है।
प्यार से गले लगाने का प्रचलन हमारे देश में हमेशा से रहा है। मगर गले मिलने का ट्रेंड चला फिल्म मुन्ना भाई एमबीबीएस से। जब फिल्म में मुन्ना भाई सभी को जादू की की झप्पी देता था तो लोगों की आंखों में आंसू आ जाते थे। और इस फिल्म में किसी को गले लगाने के पीछे दर्शाई गई सदइच्छा ने उसे जादू की झप्पी बना दिया।
वेलेंटाइन वीक में हग डे संभवत: इसलिए जुड़ा ताकि यदि किसी के प्रति आपके मन में गुस्सा है तो प्यार का दिन मनाने से पहले आप उसे गले लगाकर अपने गुस्से को ठंडा कर लें और सभी के साथ मिलकर धमाल के साथ वेलेंटाइन डे मनाएं। वेलेंटाइन डे से ठीक एक दिन पहले मनाए जाने के कारण इसका महत्व भी बहुत ज्यादा होता है।
एक बहुराष्ट्रीय कंपनी के कानूनी सलाहकार अरविन्द सिंह का कहना है कि मेरे लिए तो जादू की झप्पी हमेशा रामबाण है। मेरा काम ऐसा है कि मैं ज्यादातर वक्त घर से बाहर होता हूं। घर के ज्यादातर पार्टी और समारोहों में शामिल नहीं हो पाता हूं। ऐसे में सभी मुझसे नाराज होते हैं। मगर मैं उनके गुस्से को जादू की एक झप्पी से पिघला देता हूं।
मनोचिकित्सक डॉक्टर राकेश श्रीवास्तव का कहना है कि झप्पी का इस्तेमाल सिर्फ अपनों के गुस्से को नहीं बल्कि किसी के भी गुस्से को खत्म करने के लिए किया जा सकता है। आजकल हम रोज सड़कों पर मामूली बातों को लेकर हुए झगड़ों में होने वाली मारपीट और यहां तक कि हत्या कर देने की घटनाओं के बारे में सुनते और पढ़ते हैं। अगर झगड़ा करने की जगह हम अपने आप पर थोड़ा सा नियंत्रण रखें और सामने वाले को प्यार से गले लगा लें तो ऐसी घटनाओं में 50 प्रतिशत से भी ज्यादा की कमी आ सकती है। इसलिए हम तो आपको यही सलाह देंगे कि आप गुस्से के इस बेदाम के इलाज जादू की क्षप्पी को प्यार से अपनाइए और सभी के बीच खुशियां बांटिए।

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