रविवार, 20 फ़रवरी 2011

क्यों और कब चढ़ाएं तुलसी को जल?

घर के आंगन में तुलसी का पौधा सिर्फ एक पौधा भर नहीं होता है। यह सुख, संपत्ति, ज्ञान, विवेक और स्वास्थ्य का उत्तम खजाना है। कहते हैं, जिस घर के आंगन में तुलसी निवास करती है, वहां सुख और स्वास्थ्य स्वत: ही चले आते हैं, आनंद और पुण्यफल की वर्षा होती है।

प्रात: काल पूजा में सूर्य को अर्ध्य के पश्चात तुलसी को जल चढ़ाना चाहिए। तुलसी को जल चढ़ाना भी स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है। तुलसी का सामीप्य पाने हेतु उसके करीब जाना होता है तुलसी एक गुणकारी औषधीय पौधा है। उसकी पत्तियां अपने अंदर अनेक औषधीय गुणो को समेटे हुए है। जल चढ़ाने जब हम उसके करीब जाते हैं तब उसकी सुगंध से हमारे शरीर में स्थित जीवाणु नष्ट हो जाते हैं।जो हमें सर्दी-जुकाम फ्लू ज्वर आदि से रक्षा करती है। इसके अलावा तुलसी का पौधा घर में होने से हवा के साथ उसके बीज एवं सुगंध पूरे घर में फैल जाती है।
जिससे घर के सभी लोग मानसिक एवं शारीरिक रूप से स्वस्थ रहते हैं।तुलसी के इन्हीं गुणो के कारण उनकी पूजन होती है। तथा घर-घर में उनका पौधा रोपा जाता है। तुलसी के पत्तों का भगवान विष्णु के प्रसाद के रूप में भी प्रयोग किया जाता है। तुलसी को हम सम्मान के नजरिए से देखते हैं। उनका पूजन करते हैं। अत: उनके पत्तों को दांतों से चबाकर सेवन करना निषेध है। तुलसी के पत्तों का सेवन चूसकर निगलने के रूप में ही किया जाता है।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें