मंगलवार, 8 फ़रवरी 2011

यहां छुप छुप के मिलते थे राधा कृष्ण

राधा और कृष्ण का नाम सामने आते ही दो ऐसे प्रेमियों की छवि सामने आती है जिसने अपने निश्चल प्रेम से सबके सामने एक उदाहरण पेश किया था। ब्रजमंडल आज भी इनके प्यार की गवाही देता है। ऐसा ही एक स्थान जहां दोनों का प्यार परवान चढ़ा राधाकुण्ड कहलाता है।

राधाकुण्ड और कृष्णकुण्ड आपस में मिलते हैं। यहीं कृष्ण ने अरिष्टासुर को मारा था। यहां श्रीहितहरिवंश जी, श्रीवल्लभाचार्य जी, श्रीगोसांई जी और उनके पुत्र श्रीगोकुलनाथ जी की बैठकें हैं।
कहते हैं कि यही वो जगह है जहां राधा-कृष्ण का प्रेम अपने पूरे शबाब पर था। वे दोनों यहां मिलते थे। यह राधाकृष्ण का प्रधान विहार स्थल था। यहां श्रीगोविन्ददेव का प्रसिद्ध मंदिर भी है जहां गिरिराजजी की जीभ के दर्शन होते हैं।
कैसे पहुचें- राधाकुण्ड ब्रजमंडल की परिक्रमा करते समय पड़ता है। जन्माष्टमी के समय यहां विशेष कार्यक्रम तक होते हैं।

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