बुधवार, 16 फ़रवरी 2011

खुश रहना है तो...अच्छा सोचो

मनुष्य की प्रकृति ही ऐसी है कि उसे सामने वाले में गुण छोड़कर दोष ही देखता है और आज के युग में तो लोग इस आदत को लेकर एक दूसरे पर हावी हो रहे हैं। लेकिन अगर इंसान किसी के दोषों को अनदेखा कर केवल खूबियों पर ध्यान दे तो जिदंगी में हर समस्या का समाधान मिल जाएगा।
एक बार देवराज इन्द्र अपनी अपनी सभा में बैठकर देवताओं से चर्चा करते हुऐ कहा कि पृथ्वी पर श्री कृष्ण देवराय सबसे श्रेष्ठ और गुणवान राजा है कुछ देवताओं को राजा की तारीफ सुनना अच्छी नहीं लगी।
तब एक देवता राजा कृष्णदेव की परीक्षा लेने के लिए पहुंचे । देवता मरे हुए कुत्ते का रूप धर धरती पर लेट गया उसके शरीर से गंदी बदबू आ रही थी और उसका मुंह फटा हुआ था। तभी उस रास्ते से राजा कृष्णदेव का निकलना हुआ जब राजा ने रास्ते पर पड़े कुत्ते को देखा तो कहने लगे इस कुत्ते के दांत कितने सुन्दर हैं मोती के जैसे चमक रहे है। तभी देवता अपने असली रूप में प्रकट हुआ और राजा से कहने लगा हे राजन तुम सचमुच श्रेष्ठ राजा हो तुम्हें रास्ते पर पड़े कुत्ते के दांत तो दिखाई दिए लेकिन उससे आती दुर्गन्ध पर तुमने गौर ही नहीं किया। संसार में तुम्हारे जैसा इंसान ही हमेशा खुश रह सकता है।
कथा बताती है कि अगर इंसान कमियों को छोड़कर केवल खूबियों पर ध्यान दे तो समस्याऐं कभी पैदा ही नहीं होंगी।

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