बुधवार, 16 फ़रवरी 2011

मांगलिक की शादी मांगलिक से ही क्यों?

कहते हैं जिन लोगों की कुंडली में मंगल दोष होता है उनकी शादी में विघ्र आते हैं या तो उनकी शादी या तो बहुत जल्दी होती है या बहुत देर से होती है। मंगली लोगों के विवाह में देरी का एक कारण मंगली लड़की या लड़के का ना मिलना भी होता है। समय पर योग्य वर या वधु नहीं मिल पाते हैं। जो मिलते हैं वहां कोई दूसरी समस्या सामने आ जाती है। जब ऐसी परिस्थिति बनती है तो मन में यह ख्याल आता है कि क्या अनिवार्य है कि मंगली लड़के की शादी मंगली लड़की से ही कि जाए? ऐसे में कई लोग इस मान्यता को अंधविश्वास मान लेते है।

लेकिन यह अंधविश्वास नहीं है ज्योतिष के अनुसार मंगली स्त्री या पुरुष अपने जीवन साथी से विशेष अपेक्षाएं रखते हैं, तथा जीवन साथी के मामले में बहुत संवेदनशील होते हैं। मंगली जातक सहवास के मामले में प्रबल होते है, अत: वह अपने साथी से भी उतनी अपेक्षा रखते है। परंतु यदि उनका साथी पूर्णत: उनका सहयोग नहीं करता, तब उनमें विवाद उतपन्न होने का भय होता है। इस कारण शास्त्र जोर देता है कि मंगली का विवाह मंगली से हि हो परंतु कही-कही अपवाद स्वरूप लड़के की कुंडली में मंगल हो और लड़की की कुंडली में 1, 4, 7, 8, 12 स्थान में शनि हो या मंगल के साथ गुरु हो तब भी मंगल का प्रभाव समाप्त माना जाता है। मंगली जातक का विवाह विलंब से पर अच्छी जगह होता है।
(www.bhaskar.com)

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