शुक्रवार, 18 फ़रवरी 2011

घर में मंदिर क्यों

भारत में ऐसी मान्यता है कि जिस घर में मंदिर नहीं होता वहां सुख और शांति नहीं रहती है। इसलिए घर में मंदिर बनवाए जाते है लेकिन यदि हम वास्तु के नजरिए से देखें तो घर के अंदर सही दिशा में मंदिर बनवाने का अपना महत्व है। वास्तु के अनुसार घर में पूजास्थल या मंदिर जरूर बनवाना चाहिए क्योंकि इससे मानसिक शांति मिलती है।
साथ ही पूजा घर हमेशा ईशान्य कोण में बनाना चाहिए।इस मान्यता का मुख्य कारण यह है कि ईशान्य कोण यानी उत्तर-पूर्व के कोने का स्वामी गुरु है। ज्योतिष के अनुसार गुरु अध्यात्म और धर्म का ग्रह है।ईशान्य सात्विक ऊर्जाओं का प्रमुख स्त्रोत है। किसी भी भवन में ईशान्य कोण सबसे ठंडा क्षेत्र है। वास्तु पुरूष का सिर ईशान्य में होता है। जिस घर में ईशान्य कोण में दोष होगा उसके निवासियों को दुर्भाग्य का सामना करना पड़ता है।
ईशान्य कोण का अधिपति शिव को माना गया है। ऐसा माना जाता है कि घर के इस कोने में पूजा करने से घर की सकारात्मक ऊर्जा में तेजी से वृद्धि होती है। साथ ही पूजा घर बनवाने से घर की सकारात्मक ऊर्जा में वृद्धि से घर के हर सदस्य को अपने कार्य में क्षेत्र में सफलता मिलने लगती है।
इसलिए पूजा घर हमेशा ईशान्य कोण में बनवाया जाता है।

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