मंगलवार, 8 मार्च 2011

मंगल को जन्मे, मंगल ही करते हैं हनुमान

श्री हनुमान को संकट मोचन कहा गया है। वे पलभर में ही भक्तों के बड़े-बड़े संकट समाप्त कर देते हैं। हनुमानजी सीताराम के आर्शीवाद से अष्टचिरंजिव में शामिल है। अत: वे भगवान शिव की तरह ही तुरंत प्रसन्न होने वाले और भक्तों पर सर्वस्व न्यौछावर करने वाले हैं। ऐसी मान्यता है कि हनुमानजी का जन्म मंगलवार को हुआ। अत: मंगलवार के दिन उनकी पूजा का विशेष महत्व है।
जहां-जहां श्रीराम का नाम पूरी श्रद्धा से लिया जाता है हनुमानजी वहां किसी ना किसी रूप में अवश्य प्रकट होते हैं। ऐसी कई कथाएं हैं जहां हनुमान ने श्रीराम के भक्तों का पूर्ण कल्याण किया है। हनुमान के नाम मात्र से ही भूत पिशाच निकट नहीं आते। सारी समस्याएं स्वत: ही समाप्त हो जाती है।
हनुमानजी ही ऐसे भक्त और भगवान हैं जो हमारे सभी दुख और परेशानियों का समाधान कुछ ही क्षण में कर सकते हैं। बस आवश्यकता है तो सभी अधार्मिक कार्यों और कुसंगति को छोड़कर श्रीराम की श्रद्धा और भक्ति में मन लगाने की।
मंगलवार के दिन हनुमानजी की पूजा से सभी मनोवांछित फल प्राप्त हो जाते हैं। ऐसा भी माना जाता है कि पवनपुत्र की पूजा के लिए कोई विशेष मुहूर्त या दिन नहीं है। हम कभी भी सच्चे मन से हनुमानजी का स्मरण, पूजन-अर्चन कर सकते हैं।
सभी परेशानियों से छुटकारा पाने के लिए हनुमान चालिसा का पाठ सबसे सरल और सुलभ उपाय है। प्रतिदिन हनुमान चालिसा का पाठ करने वाले भक्तों को सभी सुख और धन की प्राप्ति होती है। ऐसे लोगों को किसी भी प्रकार की कोई परेशानी नहीं होती।

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