शनिवार, 5 मार्च 2011

महालक्ष्मी यंत्र से होने लगेगी धन की बारीश

यंत्र शास्त्र के अतंर्गत कई ऐसे दुर्लभ यंत्रों का वर्णन है जिनका विधि-विधान से पूजन करने से रंक भी राजा बन जाता है। ऐसा ही एक यंत्र है महालक्ष्मी यंत्र। यह यंत्र साक्षात देवी लक्ष्मी का ही रूप है। कम समय में अधिक धन वृद्धि के लिए यह यंत्र अत्यन्त उपयोगी है। इस यंत्र की चल या अचल दोनों तरह से प्रतिष्ठा की जाती है। यह यंत्र धन प्राप्ति के लिए रामबाण प्रयोग है तथा अपने आप में अचूक, स्वयं सिद्ध, ऐश्वर्य प्रदान करने में सर्वथा समर्थ है। इस यंत्र का प्रयोग दरिद्रता का नाश करता है। इसकी कृपा से गरीब व्यक्ति भी एकाएक धनवान हो जाता है।

उपयोग
- शुक्रवार की रात को कांसे या पीतल की थाली में महालक्ष्मी यंत्र स्थापित करें।
- अब सफेद धोती पहनकर उत्तर की ओर मुख करके बैठें और निम्न मंत्र का 51 बार जप करें-
मंत्र: ऊँ ह्रीं ह्रीं श्रीं श्रीं, ह्रीं ह्रीं फट्
- मंत्र जप की रात वहीं जमीन पर सोएं।
- अगले 51 दिनों तक सूर्योदय से पूर्व उठकर, उस महालक्ष्मी यंत्र को प्रणाम कर, सूर्य को जल चढ़ाएं। इस बात का विशेष ध्यान रखें।
- प्रतिदिन सुबह-शाम तुलसी के पौधे को दीपक लगाएं।
- घर पूरी तरह से साफ रखें तथा घर के सदस्य भी शांत रहें।
- घर के सदस्य भी स्वच्छता का पूरा ध्यान रखें। मन में किसी प्रकार के बुरे विचार न आने दें।

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