मंगलवार, 1 मार्च 2011

छींक आना भी करता है बड़े संकेतों की तरफ इशारा!

छींक आना एक सामान्य शारीरीक प्रक्रिया है लेकिन पुरातन समय से ही छींक को शकुन-अपशकुन से जोड़कर देखा जाता है। छींक आना कहीं शुभ माना जाता है कहीं अशुभ। छींक से जुड़ीं कुछ मान्यताएं तथा विश्वास हैं हमारे समाज में प्रचलित हैं जो प्राचीन समय से चले आ रहे हैं। अलग-अलग जाति तथा धर्म में छींक आने को लेकर कई धारणाएं मानी जाती हैं। उनमें से कुछ नीचे दी गई हैं-
1- यदि घर से निकलते समय कोई सामने से छींकता है तो कार्य में बाधा आती है। अगर एक से अधिक बार छींकता है तो कार्य सरलता से संपन्न हो जाता है।
2- किसी मेहमान के जाते समय कोई उसके बाईं ओर छींकता है तो यह अशुभ संकेत है।
3- कोई वस्तु क्रय करते समय यदि छींक आ जाए तो खरीदी गई वस्तु से लाभ होता है।
4- सोने से पूर्व और जागने के तुरंत बाद छींक की ध्वनि सुनना अशुभ माना जाता है।
5- नए मकान में प्रवेश करते समय यदि छींक सुनाई दे तो प्रवेश स्थगित कर देना ही उचित होता है।
6- व्यावसायिक कार्य आरंभ करने से पूर्व छींक आना व्यापार वृद्धि का सूचक होती है।
7- कोई मरीज यदि दवा ले रहा हो और छींक आ जाए तो वह शीघ्र ही ठीक हो जाता है।
8- भोजन से पूर्व छींक की ध्वनि सुनना अशुभ मानी जाती है।
9- यदि कोई व्यक्ति दिन के प्रथम प्रहर में पूर्व दिशा की ओर छींक की ध्वनि सुनता है तो उसे अनेक कष्ट झेलने पड़ते हैं। दूसरे प्रहर में सुनता है तो देह कष्ट, तीसरे प्रहर में सुनता है तो दूसरे के द्वारा स्वादिष्ट भोजन की प्राप्ति और चौथे प्रहर में सुनता है तो किसी मित्र से मिलना होता है।
10- धार्मिक अनुष्ठान या यज्ञादि प्रारंभ करते समय कोई छींकता है तो अनुष्ठान संपूर्ण नहीं होता है।

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