शुक्रवार, 1 अप्रैल 2011

किन्नर को दान क्यों देना चाहिए?


किन्नर एक ऐसा वर्ग है जो सभी के लिए अक्सर जिज्ञासा और आश्चर्य का विषय होता है। इनके जीवन का एक मात्र सहारा क्षेत्रीय नाच-गान ही है। हमारे यहां कोई भी तीज-त्यौहार या शादी ब्याह होता है तो किन्नरों को दान दिया जाता है। साथ ही कहा जाता है कि किन्नरों को दान देना चाहिए क्योंकि इन्हें दान देने से आर्थिक तरक्की होती है। कहते हैं यह अगर बुधवार के दिन किसी जातक को आशीर्वाद दे दें तो उसकी किस्मत खुल जाती है। शास्त्रों के अनुसार संचित,प्रारब्ध और वर्तमान मनुष्य के जीवन का कालचक्र है।
संचित कर्मों का नाश प्रायश्चित और औषधि आदि से होता है। आगामी कर्मों का निवारण तपस्या से होता है किन्तु प्रारब्ध कर्मों का फल वर्तमान में भोगने के सिवा अन्य कोई उपाय नहीं है। कर्मों के अनुसार स्त्री-पुरुष या नपुंसक योनि में जन्म लेना पड़ता है। ज्योतिष के अनुसार बुध को नपुंसक ग्रह माना गया है। माना जाता है कि किन्नरों पर बुध का विशेष प्रभाव होता है। इसीलिए किन्नरों को दान देने से बुध प्रसन्न होते हैं। बुध को धन, बुद्धि तर्क व कर्म का कारक ग्रह माना गया है। ऐसी मान्यता है कि बुध से संबंधित दान करने से संचित कर्मों का नाश होता है और अगले जन्म में किन्नर के रूप में जन्म नहीं लेना पड़ता है। इसीलिए किन्नरों को दान करने को विशेष महत्व दिया गया है।
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