मंगलवार, 12 जुलाई 2011

एक ने धन, बल व नाम सब पा लिया, पर दूसरा??

सफलता सिर्फ जी तोड़ मेहनत पर ही निर्भर नहीं करती, बल्कि सफलता के पीछे और भी कई कारण होते हैं। पहला कारण आपके मन की भावना है और दूसरा कारण है-आपके कार्य करने का तरीका। यदि आपका मन सकारात्मक सोचने वाला और पवित्र है तो आपको कत समय में ही अधिक से अधिक सफलता मिलती जाती है।
ऐसा ही कुछ हुआ उन दो मित्रों में से एक के साथ जिसने कम मेहनत करकेभी धन, सम्मान, स्वास्थ्य और प्रसिद्धि सब कुछ प्राप्त कर लिया। जबकि दूसरा मित्र पूरे दिन मेहनत करने के बाद भी हर क्षेत्र में कमजोर ही बना रहा।

आइये चलते हैं दो मित्रों सी जुड़ी उस घटना की और...
दो मित्र थे। एक तो पूरे दिन मेहनत करके पेट भरता था, दूसरा सिर्फ चार घंटे जमकर मेहनत करता और बाकी समय जरूरतमंदों की मददश् सेवा, योग-ध्यान, स्वाध्याय आदि कार्यों में लगाता। पहला व्यक्ति दिनों दिन कमजोर, उदास और बीमार रहने लगा जबकि सिर्फ 4 घंटे जमकर मेहनत करने वाला व्यक्ति दिनोंदिन बलवान, धनवान और सभी का प्यारा व प्रसिद्ध होता गया।
एक दिन अचानक दोनों मित्रों की मुलाकात हो गई। दोनों ने अपना-अपना हाल बताया। पहले ने दुखी होकर पूछा कि आखिर ऐसा क्यों कि मैं दिन भर मेहनत करने के बावजूद आज हर क्षेत्र में कमजोर और पिछड़ा हुआ हूं जबकि तुम सिर्फ 4 घंटे मेहनत करके भी जीवन के हर क्षेत्र में कामयाब हो गए?
सफल मित्र ने कम समय में खुद के कामयाब होने का राज बताते हुए कहा- देखो भाई! मैं तुमसे एक सवाल पूछता हूं, बताओ जब तुम सारे दिन काम करत रहते हो तो तुम्हारे मन में क्या चलता रहता है? असफल व्यक्ति ने कहा कि काम करते समय दिन भर उसके मन में तो सिर्फ ज्यादा से ज्यादा पैसा कमाने की चिंता लगी रहती है। जवाब सुनकर सफल मित्र ने कहा कि यही तुम्हारी कमजोरी और असफलता का कारण है। अगर तुम्हें बलवान और कामयाब इंसान बनना है तो अपने मन को सकारात्मक और कार्य के प्रति एकाग्र बनाओ। जितनी देर काम करो पूरे मन से प्रशन्न होकर और कमाई की चिंता छोड़कर कार्य करो। और हां... थोड़ा समय निकाल कर जरूरतमंदों की मदद और सेवा-सहायता भी अवश्य करो, फिर देखना तुम्हारा भाग्य भी कैसे करवट लेता है।
मित्र के कहे अनुसार जैसे ही दूसरे कमजोर और असफल व्यक्ति ने अपना नजरिया सकारात्मक, प्रशन्न चित्त और सेवाभावी बना लिया तो कुछ ही दिनों में वह भी अपने मित्र की तरह ही बलवान, धनवान, सदा प्रशन्न रहने वाला तथा सभी का प्रिय व समाज में प्रतिष्ठित नागरिक बन गया।

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