बुधवार, 13 जुलाई 2011

ऐसे बचें जवानी में गंजेपन से...

प्रदूषित हवा, पानी और भोजन के साथ जीना आधुनिक मानव की नियति है जिसे वह चाहकर भी बदल नहीं सकता। इस प्रदूषित वातावरण ने कई शरीर को कई बीमारिया उपाहार में दी हैं। ऐसा ही एक रोग है बालों झडऩा या असमय सफेद होना।
बालों को झडऩे से बचाने के लिये व्यक्ति तरह-तरह क तैलों का इस्तेमाल करता है। तैल से सिर की त्वचा तैलीय हो जाती है। तैलीय त्वचा न सिर्फ चेहरे की खूबसूरती को प्रभावित करते हैं बल्कि बाल भी ज्यादा टूटते हैं। बालों को स्वस्थ बनाना है तो बार-बार तेल बदलने की बजाय नीचे दिये कुछ आसान उपायों को अपनाकर टेंशन फ्री हो जाएं...
आयुर्वेदिक उपचार:
1. कम से कम सप्ताह में एक दिन आंवला, रीठा और शंखपुष्पी से बना हुआ असली और शुद्ध चूर्ण थोड़े से पानी में मिलाकर बालों की जड़ों में लगाएं। इस आयुर्वेदिक ट्रिटमेंट से आपके बाल प्राकृतिक रूप से स्वस्थ एवं मजबूत बनेंगे।
2. शैम्पू करने से पहले बालों को हल्का गर्म ऑलीव ऑयल या कोकोनट ऑयल से मसाज करें।
3. बालों को प्रतिदिन गुनगुना पानी से धोएं।
4. बालों को धोने के लिए हल्के शैम्पू का इस्तेमाल करें।
5. यदि आपके बाल तैलीय हैं तो कंडीशनर का इस्तेमाल न करें।
6. बहुत कम अंतराल पर बालों में कंघी न करें इससे बाल ज्यादा तैलीय हो जाते हैं।
योगिक उपचार:
1. सूर्योदय के समय शुद्ध ताजी हवा में आसन बिछाकर प्राणायाम और शीर्षाशन व सर्वांगासन का नियमित अभ्यास करें।
2. बालों का सीधा संबंध पेट से होता है। यदि पाचन तंत्र और हाजमा ठीक नहीं है तो बालों की जड़ें कमजोर होंगी और वे टूटने झडऩे लगेंगे। इसलिये अपने खान-पान और हाजमे को हमेशा ठीक रखें।
3.यदि संभव हो तो चाय, कॉफी, पान-तंबाकू, मिर्च-मसाले आदि नशीले पदार्थों से दूर ही रहें।

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